वैशाख   मास की पूर्णिमा का महत्वअत्यंत पवित्र

अत्यंत पवित्र हैं।वैशाख पूर्णिमा

वैशाख   मास की पूर्णिमा का महत्व:-  भविष्य पुराण, आदित्य पुराण  मे वैशाख पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र और फलदायी माना गया है।इस दिन पिछले एक महीने से चला आ रहा है। वैशाख स्नान एंव वशेष धार्मिक अनुष्ठान कि पूर्ण आहूति दि जाती हैं।मंदिरो में हवन और पूजा के बाद वैशाख महात्यम कथा का परायण किया जाता हैं।

 

वैशाख पूर्णिमा के दिन प्रातः नदियों और पवित्र सरोवरों मे स्नान के बाद दान पुन का विशेष महत्व है धर्म राज के निमित्त जल से भरा हुआ कलश,पकवान एंव मिष्टान आज के दिन वितरण करना ,गोदाम के समान फल देने वाले बताऐ गये हैं।

वैशाख कि पूर्णिमा के दिन शंककर ,और तिल दान करने से ,अनजाने में हुये पापो का  भी नाश हो जाता हैं।

पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी से भरा हुआ ।पात्र, तिल और  शंककर स्थापित कर पूजा करनी चाहिए।यदि हो सके तो पूजा के समय तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

पितरों के निमित्त पवित्र नदियों में स्नान कर हाथ में  तिल रखकर तर्पण करने से पितरो की तृप्त होते है।एंव उनका आर्शीवाद मिलता हैं।

पुराणों के अनुसार वैशाख मास का यह पक्ष पूजा उपासना के लिए विशेष महत्वपूर्ण माना गया है।

अत्यंत पवित्र हैं।वैशाख पूर्णिमा ।।