अमेरिका के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, बच्चों में भी बढ़ रहा कोरोना !

अमेरिका के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, बच्चों में भी बढ़ रहा कोरोना !

क्या वैक्सीन ही है दवा?

अमेरिका में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण (Coronavirus) अपना घातक रूप दिखा रहा है। वहां के कई राज्यों में अस्पतालों में बेड और स्टाफ की कमी थी लेकिन अब वहां ऑक्सीजन की कमी (Shortage Of Oxygen) भी पड़ने लगी है। अमेरिका के फ्लोरिडा, साउथ कैरोलिना, टेक्सास और लुईसियाना जैसे राज्यों के कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं।

जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक, फ्लोरिडा के अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या पूरे देश में सबसे ज्यादा दि। उस दिन हर एक लाख आबादी में से 75 मरीज अस्पताल में भर्ती थे. फ्लोरिडा के जूपिटर मेडिकल सेंटर के डायरेक्टर डॉ. अहमद एल्हाददाद ने CNN को बताया, ‘हम लोगों को मरता देख थक गए हैं, क्योंकि उन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगी थी.’ उन्होंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) मरीजों के फेफड़ों को ‘खा’ रहा है, जिससे लोग मर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की मौत जल्दी हो रही है।

डॉ. अहमद एल्हाददाद बताते हैं कि उनके आईसीयू में जितने भी कोरोना मरीज भर्ती हैं, उनमें से एक भी ऐसा नहीं है जिसने वैक्सीन ली हो। उनका कहना है कि वैक्सीन ली हो। उनका कहना है कि वैक्सीन कोई ‘जादुई दवा’ नहीं है, लेकिन इससे मौतें रुक रहीं हैं।

अमेरिका के टॉप एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फौची (Dr. Anthony Fauci) ने बताया कि अमेरिका में दिसंबर तक कोरोना से 1 लाख से ज्यादा मौतें होने का अनुमान हैं, लेकिन हम इन्हें रोक सकते हैं क्योंकि अब हमारे पास वैक्सीन है। अमेरिका में अब भी 8 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने योग्य होने के बाद भी अब तक Vaccine नहीं ली है।

बच्चों में भी बढ़ रहा संक्रमण –

अमेरिका में स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. अस्पतालों में भर्ती होने वालों में बच्चे भी बड़ी संख्या में हैं. ओरेगांव हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. एस्थर चू ने CNN को बताया, ‘अमेरिका में कई जगह स्कूल खुल गए हैं, जहां बच्चे बिना मास्क पहने जा रहे हैं। मास्क और वैक्सीनेशन का विरोध हो रहा है, जबकि यही स्कूलों में हमारे बच्चों को सुरक्षित रखेगा। ‘

उन्होंने कहा अमेरिका में अभी सभी स्कूल नहीं खुले हैं, लेकिन जल्द ही सभी स्कूल खुल सकते हैं। अभी 12 साल से छोटे बच्चों की वैक्सीन भी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि आने वाले समय में अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ेगी और बच्चों की मौतें भी आम हो जाएंगी।

डॉ. फौसी बताते हैं, ‘हमारे लिए ये नया नहीं है. देश के कई स्कूलों में खासतौर से सरकारी स्कूलों में ये जरूरी है कि अगर आप अपने बच्चे को स्कूल भेजना चाहते हैं तो उन्हें पोलियो, खसरा, रुबेला, हेपेटाइटिस के टीके जरूर लगवाएं.’ उन्होंने कहा कि जो बच्चों वैक्सीन के लिए एलिजिबल हैं, उन्हें वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।

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