एकवचन / बहुवचन singular – plural-in –Hindi
वचन :-शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक का बोध होता है। उसे वचन कहते है।
वचन के भेद:-हिंदी में वचन दो प्रकार के होते है।
1 .एक वचन :-शब्द के जिस रूप से एक व्यक्ति या वस्तु का बोध हो ,उसे एक वचन कहते है। :जैसे :पुस्तक ,लड़का ,माला,कपड़ा ,कुत्ता ,बिल्ली ,गाय ,आदि।
2 .बहुवचन :-शब्द के जिस रूप से किसी वस्तु या व्यक्ति के एक से अधिक होने का बोध हो ,उसे बहुवचन कहते है। जैसे :-पुस्तके ,लड़के ,मालाये ,कपड़े ,कुत्ते, बल्लियाँ गाये आदि
जैसे : – क – ख
बच्चा खेल रहा है। – बच्चे खेल रहे है।
दुकानदार ने साडी दिखाई। -दुकानदार ने साडीयाँ दिखाई।
राम के एक बेटा है।- राम के दो बेटे है।
स्टेशन पर गाड़ी खड़ी है.- स्टेशन पर गाड़ी याँ खड़ी है
एकवचन | बहुवचन |
लड़का | लड़के |
वादा | वादे |
किस्सा | किस्से |
पंखा | पंखे |
रुपया | रूपये |
बच्चा | बच्चे |
घोडा | घोड़े |
पैसा | पैसे |
इरादा | इरादे |
संतरा | संतरे |
केला | केले |
छाता | छाते |
बेटा | बेटे |
बहन | बहने |
भाई | भाइयों |
तोता | तोते |
कक्षा | कक्षाये |
दवाई | दवाईयाँ |
तितली | तितलियाँ |
कली | कलियाँ |
नदी | नदियाँ |
वस्तु | वस्तुये |
पुस्तक | पुस्तके |
दरवाजा | दरवाजे |
मेला | मेले |
कविता | कविताएँ |
माता | माताएँ |
बच्चा | बच्चे |
गाड़ी | गाड़ियाँ |
अध्यापक | अध्यापिकाएँ |
कलम | कलमे |
आँख | आँखे |
किताब | किताबें |
बात | बाते |
माँग | माँगे |
रात | राते |
बहू | बहुये |
तिथि | तिथियाँ |
शक्ति | शक्तियाँ |
सखी | सखियाँ |
लड़की | लड़कियाँ |
देवी | देवियाँ |
राखी | राखीयाँ |
मछली | मछलियाँ |
टोली | टोलीयाँ |
जाति | जातियाँ |
बकरी | बकरियाँ |
थाली | थालियाँ |
टोपी | टोपियाँ |
कॉफी | कॉफियाँ |
पंक्ति | पंक्तियाँ |
घडी | घड़ियां |
पंखा | पंखे |
कार | कारे |
तार | तारे |
गिलास | गिलासे |
कटोरी | कटोरियाँ |
बस | बसे |
चुहिया | चुहियाँ |
पुड़िया | पुड़ियाँ |
गुड़िया | गुड़ियाँ |
चूड़ी | चूडियाँ |
डिब्बी | डिबियाँ |
पर्दा | पर्दे |
खिड़की | खिड़कियाँ |
मिठाई | मिठाईयाँ |
सब्जी | सब्जियाँ |
स्कूल | स्कूले |
टेबल | टेबले |
सड़क | सड़के |
कुर्सी | कुर्सियाँ |
कथा | कथाये |
बेटी | बेटियाँ |
महिला | महिलाये |
चारपाई | चारपाईयाँ |
सीढ़ी | सीढियाँ |
अध्यापक | अध्यापको |
सदी | सदियाँ |
सैकड़ा | सैकड़ो |
साल | सालो |
मील | मीलो |
महीना | महीनो |
बरस | बरसों |
देवता | देवताओ |
राजा | राजाओं |
रानी | रानियाँ |
साधु | साधुओं |
घंटा | घंटों |
गाना | गाने |
डंडा | डंडे |
ठेला | ठेले |
कमरा | कमरे |
झूला | झूले |
थैला | थैले |
छतरी | छतरियाँ |
पौधा | पौधे |
गली | गलियाँ |
नारी | नरियाँ |
संस्कृति | संकृतियाँ |
पत्ता | पते |
पटा | पटे |
खिलौना | खिलोने |
गधा | गधे |
चादर | चादरे |
मेज | मेजे |
गाय | गाये |
शेर | शेरनियाँ |
चूहा | चूहे |
सभा | सभाएं |
गमला | गमले |
कहानी | कहानियाँ |
झंडा | झंडे |
चिड़िया | चिड़ियाँ |
नहर | नहरे |
किरण | किरणे |
बीमारी | बिमारियाँ |
कमीज | कमीजें |
रोटी | रोटियाँ |
अलमारी | अलमारियाँ |
पैसा | पैसे |
चाबी | चाबियाँ |
शाखा | शाखाएँ |
मुर्गा | मुरगे |
टोपी | टोपियाँ |
राह | राहे |
कन्या | कन्याएँ |
औरत | औरते |
गुब्बारा | गुब्बारे |
कविता
संध्या |
कविताएँ
सवेरा |
बिजली | बिजलिया |
चींटी चीटियां
गाय गाये
एकता अनेकता
साड़ी साड़िया
संयोग वियोग