दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चर्जिंग स्टेशनों की नहीं होगी कमी
चर्जिंग और बैटरी स्वेपिंग स्टेशन बनाने के लिए हुआ करार
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ती संख्या के बीच ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) की सहायक कंपनी सीईएसएल के साथ समझौता किया है। इस समझौते में डीटीसी की अलग-अलग जगहों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की स्थापना की जाएगी।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मौजूदगी में डीटीसी के प्रबंध निदेशक विजय कुमार बिधूड़ी और सीईएसएल के अध्यक्ष सौरभ कुमार ने साइन किए हैं। द्वारका सेक्टर-8, द्वारका सेक्टर-2 डिपो, महरौली टर्मिनल, नेहरू प्लेस टर्मिनल, ओखला सीडब्ल्यू- II, सुखदेव विहार डिपो और कालकाजी डिपो पर सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। डीटीसी की जगह के उपयोग के लिए सीईएसएल द्वारा 1 रुपए प्रति किलोवाट प्रति घंटे की दर से डीटीसी को मासिक आधार पर भुगतान किया जाएगा। अभी यह समझौता दस साल के लिए हुआ है। अगले 4 महीनों में सभी स्टेशनों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
डीटीसी और ईईएसएल द्वारा किए गए सर्वे के बाद इन सात जगहों का चुनाव किया गया है। इनमें से हर जगह में कुल छह चार्जिंग पॉइंट होंगे, जिनमें तीन दुपहिया एवं तिपहिया वाहनों के लिए होंगे और 3 अन्य पॉइंट फोर वीलर्स के लिए होंगे। एक बार इनस्टॉल होने के बाद ये लोकेशन अपनी रियल टाइम स्थिति और चार्जिंग पॉइंट की उपलब्धता के साथ दिल्ली सरकार के वन दिल्ली ऐप पर भी उपलब्ध होंगे। इसके माध्यम से सीईएसएल कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करेगा और जहां भी संभव होगा, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के साथ सोलर रूफटॉप और बैटरी स्टोरेज सिस्टम (बीएसएस) को एकीकृत करेगा, ताकि चार्जिंग स्टेशनों को बिजली देने के लिए रिन्युएबल ऊर्जा का उपयोग किया जा सके।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली देश में इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने की दिशा में अग्रिम भूमिका निभा रही है। सीईएसएल के साथ इस साझेदारी से सरकार डीटीसी की भूमि और डिपो का उपयोग दिल्ली में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ईवी इकोसिस्टम को बढ़ाने और सुधारने के लिए रही है। हम कार्बन फुटप्रिंट को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए इन चार्जिंग स्टेशनों को बिजली देने के लिए विभिन्न गैर-प्रदूषणकारी साधनों के इस्तेमाल में भी लगें हैं।