धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदते है महत्व और इससे जुड़ी कुछ खास बाते

धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदते है महत्व और इससे जुड़ी कुछ खास बाते

 

धनतेरस ब्रूम: धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का महत्व और पूजा तथा इससे जुड़ी कुछ अन्य जरुरी बातें

धनतेरस का त्योहार आज पूरे जोर शोर से मनाया जा रहा है। जैसा कि सब जानते हैं कि धनतेरस से दिवाली के महापर्व का आरंभ होता है और आज धनतेरस पर जो भी शुभ मुहूर्त निकलता है उसी में सारी खरीदारी की जाती है। पौराणिक मान्यताओं में धनतेरस के दिन खरीदारी को काफी शुभ माना जाता है। धनतेरस की दस्तक ही दीपावली के आगमन का सूचक है। अमूमन धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बने आभूषण और सिक्के खरीदने की सदियों पुरानी सनातन परंपरा है जो चली आ रही है।  मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन बर्तन,सोना, चांदी और पीतल सहित कई अन्य सामान खरीदने से उसमें तेरह गुना वृद्धि होती है। यही वजह कि धनतेरस पर ज्यादातर घरों में लोग बर्तन, झाड़ू जैसे कई सामानों की खरीदारी करते हैं। इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। भगवान धन्वंतरि धनत्रयोदशी के दिन हाथ में चांदी का पात्र लेकर उत्पन्न हुए थे। इसलिए इस दिन चांदी का बर्तन, चम्मच या चांदी के आभूषण खरीदने का बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन चांदी खरीदने से सौभाग्य खुलता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। वैसे तो धनतेरस के दिन चांदी की कोई भी वस्तु खरीदने से घर में खुशहाली आती है, लेकिन धनतेरस पर झाड़ू भी खरीदी जाती है और इसका अपना अलग ही महत्व है।

क्या आप जानते हैं धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदी जाती है, इसका महत्व क्या है और इस झाड़ू का इस्तेमाल हम दिवाली पर ही क्यों करते हैं।  आइए जानते हैं इन सभी बातों के बारे में-

धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का महत्व 

ऐसी पौराणिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन जिन चीजों की खरीदारी की जाती है वह तेरह गुना और बढ़ जाती है। इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन हर घर में एक नई झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए। मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। घर में झाड़ू के पैर लग जाए तो इसे भी अशुभ माानते हैं। इसलिए घर में झाड़ू से घर साफ करने के बाद ऐसी जगह रखा जाता है जहां पैर नहीं लगे। क्योंकि झाड़ू का मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।

मान्यताओं के मुताबिक झाड़ू को सुख-शांति बढ़ाने और दुष्ट शक्तियों का सर्वनाश करने वाला भी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि झाड़ू घर से दरिद्रता हटाती है और इससे दरिद्रता का नाश होता है। धनतेरस पर घर में नई झाड़ू से झाड़ लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है, ऐसा भी माना जाता है। इसलिए इस दिन झाड़ू खरीदने की पुरानी परंपरा  है। शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से लक्ष्मी माता रुठकर घर से बाहर नहीं जाती हैं और वह घर में स्थिर रहती है। इस दिन लोग झाड़ू खरीदकर अपने घरों में रखते हैं और लक्ष्मी माता का स्वागत करने के लिए पूरी रात जगते हैं। झाड़ू से घर में सकारात्मकता का संचार होता है। यही वजह है कि हर घर में सफाई के तौर पर सबसे पहले झाड़ू लगाया जाता है।

झाड़ू से जुड़े कुछ नियम 

झाड़ू को हम माता लक्ष्मी का प्रतीक मानते हैं। इसलिए झाड़ू से कुछ नियमों का भी हमें पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वो नियम-

* झाड़ू को हमेशा ही घर में सबकी नजरों से छिपाकर रखना चाहिए  और रात के समय झाड़ू कोमुख्य द्वार पर रखने से घर से सारी नकारत्मक उर्जा दूर हो जाती है।
* झाड़ू की कभी भी किचन ,भोजन कक्ष ,या स्टोर रूम  में नहीं रखना चाहिए इससे घर में संसाधनों की कमी आने लगती है।
* झाड़ू को कभी  भी खड़ा दिवार के सहारे न रखें बल्कि हमेशा जमीन पर ही रखें।
* झाड़ू को गलती से भी पैर से न छुए और यदि गलती से पैर लग भी जाये तो क्षमा मांगनी चाहिए नहीं तो माता लक्ष्मी रूठ जाती है और ये एक तरह का अपशकुन  माना जाता है।