ॐ Jay jagdish ki Aarti 2022 :- विष्णु भगवान की आरती
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे।।
ओम जय जगदीश हरे
जो ध्यावै फल पावे, दुख बिन से मन का
सुख संपति घर आवे ,कष्ट, मिटे तन का।।
ओम जय जगदीश हरे
माता पिता तुम मेरे, शरण करूं मैं किसी की स्वामी शरण करूं कि
तुम बिन और न, दूजा आस करूं मैं किसी की।।
ओम जय जगदीश हरे
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी
ब्रह्मा परमेश्वर ,तुम सबके के स्वामी।।
ओम जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर, तुम पालन कर्ता
मै मूरख खल कामी , कृपा करो भरता।।
ओम जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर,सबके प्रति प्राण
किस बिधि मिलूं दयामय , मै तुम को कुमति।।
ओम जय जगदीश हरे
दीनबन्धु दुखहर्ता ,तुम रक्षक मेरे।
करुणा हाथ उठाओ, द्धार खड़े तेरे।।
ओम जय जगदीश हरे
विषय – विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
श्रद्धा- भक्ति बढ़ाओ ,संतन की सेवा।।
ओम जय जगदीश हरे।।
श्री गणेश आरती