Air pollution in India

  Air pollution in India

प्रदुषण और परली

 

वर्ष 2015, 2016, 2017, 2018 और 2019 की तरह वर्ष 2020 में वायु जहरीली होना शुरू हो गई है और खतरनाक स्तर को भी पार कर चुकी है। वायु प्रदुषण इस बार दिवाली से काफी पहले ही अपना रंग देखना शुरू कर चूका है। प्रदुषण का स्तर इस बार फिर से परली जलाने के चक्कर में कई हद तक बढ़ा है।  पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाने की वजह से दिल्ली – एनसीआर के पुरे वातावरण में जहर घुल चुकी है और जिस वजह से कोरोना का खतरा और ज़्यादा बढ़ गया है।

India: air pollution in the north has hit a 20-year low, NASA report says - CNN

 

1 अक्टूबर से 9 नवम्बर तक के प्रदुषण का हाल:-

 

Air Quality Index Changes (PM 2.5)
Place – Anand Vihar (Delhi)
Date Minimum Maximum Average Condition
01/10/2020 32 95 71 Good
08/10/2020 78 280 162 Moderator
15/10/2020 58 434 309 Very Poor
21/10/2020 73 358 270 Poor
30/10/2020 197 500 387 Severe
04/11/2020 92 500 377 Very Poor
09/11/2020 500 396 484 Severe
                                          *(Source – CPCB)

Air pollution in India caused 1.2 million deaths last year — Quartz

प्रदुषण दिन – ब – दिन और ज़्यादा जहरीला होता जा रहा है पर सरकार अब तक कोई ठोस कदम न उठा सकीय है। पंजाब की कैप्टेन अमरिंदर सरकार, हरियाणा की खट्टर सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार अब तक कोई भी ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है और पराली की समस्या दूर करने में पूरी तरह से लाचार दिख रही है। हर वर्ष दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी प्रदुषण के इस भयानक मुद्दे पर बहस करती है और तीनो राज्यों को फटकार लगाती है, पर वह और कुछ कदम नहीं उठाते।

अब तो पंजाब की कैप्टेन अमरिंदर सरकार, हरियाणा की खट्टर सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार को एक जुट हो कर देश की राजधानी दिल्ली के लोगों के स्वस्थ के बारे में सोचना होगा और दिल्लीवालों के हित में फैसला लेना होगा। वर्ना चिड़िया चुग जाएगी खेत और दिल्ली वाले हो जाएंगे बहाल।