अनेकार्थी शब्द किसे कहते है ? जानिए पूरी जानकारी !
अनेकार्थी शब्द किसे कहते हैं – हिन्दी भाषा में ऐसे शब्दों बहुत पाए जाते है जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं अर्थात जिन शब्दों का प्रसंगानुसार भिन्न-भिन्न अर्थ हो सकता है – उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं।
अनेकार्थी का शाब्दिक अर्थ है – एक से अधिक अर्थ वाला या अनेक अर्थ वाला। ऐसे शब्दों के विभिन्न अर्थों का अंतर अनेकार्थी शब्द का वाक्य में प्रयोग होने पर ही स्पष्ट हो पाता है।
ऐसे ही कुछ अनेकार्थी शब्द आप सभी के लिए हम लेकर आए है जो निम्नलिखित है –
शब्द | अनेकार्थी शब्द |
बाल | बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल। |
वर्ण | जाति, रंग, लक्षण |
फल | वृक्ष का फल, परिणाम, नतीजा |
स्वर | आवाज, व्यंजन, सुर |
पट | कपाट, वस्त्र, पर्दा, चित्रपट |
मन | चित्त, वजन |
आम | सामान्य, फल |
हर | शिव, हर (लेना), प्रत्येक |
घर | घर अनेकार्थी शब्द नहीं है। |
अंतर | भेद, हृदय, अंतराल |
संधा | प्रतिज्ञा, साँझ, स्थिति। |
सुमन | फूल, विचारवान। |
सोना | स्वर्ण, नींद। |
स्थूल | मोटा, सहज में दिखाई देने या समझ में आने योग्य। |
स्नेह | प्रेम, तेल, चिकनाई। |
हार | आभूषण, शिथिलता, पराजय। |
हंस | प्राण, सूर्य, आत्मा, एक पक्षी। |
हस्ती | हाथी, औकात, अस्तित्व। |
हरकत | गति, चेष्टा, नटखटपन। |
हीन | रहित, दीन, निकृष्ट। |
हिम | बर्फ, चाँद, कमल, मोती, कपूर। |
हसरत | अफ़सोस, कामना। |
हत | मारा गया, विरहित, विफल, ग्रस्त। |
हर | महादेव, अग्नि, गधा, भाजक। |
हरिण | मृग, शिव, नेवला, हंस, विष्णु। |
हरि | हाथी, विष्णु, पहाड़, सिंह, इन्द्र, घोड़ा, सर्प, बन्दर, वानर, मेढ़क, यमराज, शिव, कृष्ण, किरण, कोयल, हंस। |
शेर | सिंह, उर्दू छंद के दो चरण। |
शंकु | कील, बाण की नोंक, विष। |
शक्ति | देवी, योग्यता, प्रभाव, बल। |
शंबर | जल, बादल, चित्र, युद्ध, व्रत। |
सर | तालाब, सिर, पराजित। |
सेहत | सुख, स्वास्थ्य। रोग से छुटकारा। |
सुधा | अमृत, पानी। |
संज्ञा | नाम, चेतना। |
सारंग | हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष भौंरा, मृग, मयूर, स्त्री, नानावर्ण, सुन्दर, सरस, बादल, वृक्ष, छाता, वस्त्र, बाल, शंख, शिव, कपूर, चन्दन, आभूषण, स्वर्ण मधुमक्खी, कमल। |
संकर | दोगला, योग, गोबर, एक अलंकार। |
संख्या | अंक, प्रज्ञा, तरीका, नाम। |
संगर | युद्ध, खाई, रजामन्दी, सौदा, वादा। |
संतान | औलाद, धारा, वंश, विस्तार। |
सत्त्व | एक गुण, जीवन, भ्रूण, सत्य। |
सिला | इनाम, बदला। |
संग | पत्थर, साथ, आसक्ति। |
सर्ग | अध्याय, सृष्टि, संतान, प्रकृति। |
सुत | पुत्र, पार्थिव। |
शॉल | एक पेड़, ऊनी चादर। |
श्रुति | कान, वेद। |
शृंखला | साँकल, कतार, बंधन। |
श्री | लक्ष्मी, कमला, चमक, चन्दन। |
श्रम | परिश्रम, थकावट, प्रयास, दुःख। |
शून्य | आकाश, बिन्दु, अभाव, ईश्वर। |
शिलीमुख | भ्रमर, बाण, मूर्ख। |
श्यामा | तुलसी, यमुना, रात, राधा। |
शिखि | अग्नि, मयूर, पुरुष, मुर्गी। |
शिखा | चोटी, ज्वाला, शाखा, दीपक की लौ। |
शुद्ध | पवित्र, ठीक, जिसमें मिलावट न हो। |
शिव | मंगल, महादेव, वेद, गीदड़, भागयशाली। |
वार | प्रहार, बारी, दिन। |
वृजिन | क्लेश, कुटिल, पाप। |
विधु | विष्णु, चन्द्रमा, कपूर, राक्षस। |
वास | गमक, निवास, इच्छा, वस्त्र। |
वाम | बायाँ, प्रतिकूल, स्त्री। |
वरस | बच्चा, बछड़ा, छाती, वर्ष। |
वधू | बहू, नव विवाहिता। |
वंश | कुल, पास, बाँसुरी, परिवार। |
वशा | स्त्री, बाँझ गाय, बेटी। |
व्योम | आकाश, अभ्रक, कल्याण। |
वेद | ज्ञान, विष्णु, व्याख्या। |
वीथि | पंक्ति, श्रेणी, गली, बाजार। |
वितान | फैलाव, राशि, प्रगति, अवसर, घृणा। |
वाणी | सरस्वती, सार्थक शब्द, जीभ, सरकंडा। |
विजया | दुर्गा, भाँग। |
विधि | कानून, रीति, ईश्वर, भाग्य, ढंग। |
विरोध | वैर, विपरीत भाव। |
वन | जंगल, उपवन, झरना, फूलों का गुच्छा, जल। |
विषम | जो सम न हो, भीषण, बहुत कठिन। |
विग्रह | लड़ाई, शरीर, विच्छेद, देवता की मृर्ति। |
वर्ण | जाति, रंग, अक्षर। |
वर | दूल्हा, वरदान, श्रेष्ट। |
लौ | लपट, चाह। |
लघु | ह्रस्व, छोटा, हल्का। |
लीक | रास्ता, लकीर, प्रथा, गणना। |
लाल | पुत्र, एक रंग, एक कीमती रत्न। |
लोक | जगत्, लोग। |
लिंग | चिह्न, प्रमाण, एक पुराण। |
लहर | तरंग, वायु की गति, उमंग, जोश। |
लक्ष्य | निशाना, उद्देश्य। |
रंग | शोभा, सौंदर्य, ठाट-बाट, दशा। |
रश्मि | लक्ष्मी, किरण, लगाम। |
रुचि | प्रेम, शोभा, किरण, इच्छा। |
रक्त | लहू, लाल रंग, सिंदूर, केसर। |
रस | प्रेम, काव्य के नौ रस, अर्क, स्वाद, सार। |
राशि | समूह, मेष, कर्क, आदि राशियाँ। |
यति | योगी, जितेन्द्रिय, ब्रह्मा-पुत्र, विराम। |
योग | नियम, उपाय, मिलन, युक्ति, विधा, कौशल, ध्यान, जोड़। |
मुद्रा | मुहर, आकृति, सिक्का, अँगूठी, रूप, धन। |
महावीर | हनुमान, बहुत बलवान्, जैन तीर्थकर। |
मत | राय, वोट, नही। |
मात्रा | इन्द्रिय, धन, परिमाण। |
मा | माता, मत, मान, लक्ष्मी। |
मल | मैल, कफ, पाप, बुराई। |
मद | घमंड, हर्ष, शराब। |
मणि कीमती | पत्थर, श्रेष्ठजन, बकरी के गले की थैली। |
मंडल | जिला, हल्का, बिम्ब, क्षितिज। |
मूक | गूँगा, विवश, चुपचाप। |
मूल | जड़, पहला, वृक्ष की जटा। |
मित्र | दोस्त, सूर्य, प्रिय, साँप। |
मान | सम्मान, इज्जत, अभिमान, नाप-तौल, मानना। |
मधु | शराब, शहद, बसंत, दूध, मीठा। |
मन्यु | क्रोध, दीनता, यज्ञ, चिन्ता। |
मयूख | कान्ति, किरण, ज्वाला। |
भार | काम, बोझा, सहारा, रक्षा। |
अपवाद
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कलंक, वह प्रचलित प्रसंग, जो नियम के विरुद्ध हो। |
अतिथि
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मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, यज्ञ में सोमलता लाने वाला, अग़्नि, राम का पोता या कुश का बेटा। |
अरुण
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लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, इत्यादि । |
आपत्ति | विपत्ति,एतराज। |
अपेक्षा
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इच्छा, आवश्यकता, आशा, इत्यादि। |
आराम
|
बाग, विश्राम, रोग का दूर होना, निरोग होना। |
अंक
|
भाग्य, गिनती के अंक, नाटक के अंक, चिन्ह संख्या, गोद। |
अंबर | आकाश, अमृत, वस्त्र। |
अनंत | आकाश, ईश्वर, विष्णु, अंतहीन, शेष नाग। |
अर्थ
|
मतलब, कारण, लिए, भाव, हेतु, अभिप्राय, धन, आशय, प्रयोजन। |
अवकाश | छुटटी, अवसर, अंतराल |
आम
|
आम का फल, सर्वसाधारण, रंज, मामूली, सामान्य। |
अन्तर | शेष, दूरी, हृदय, भेद। |
अधर
|
धरती (आकाश के बीच का स्थान), पाताल, नीचा, होंठ। |
अर्क | इन्द्र, सूर्य, रस, अकबन। |
अंकुर | कोंपल, नोंक, सूजन, रोआँ। |
अंकुश | रोक, हाथी को वश में करने का लोहे का छोटा अस्त्र। |
अंजन | काजल, रात, माया, लेप। |
अंश | हिस्सा, कोण का अंश, किरण। |
अंत | मरण, अवसान, सीमा। |
अनन्त | आकाश, अन्तहीन, विष्णु। |
अच्युत | कृष्ण, स्थिर, अविनाशी। |
अपर | दूसरा, इतर, पंखहीन। |
अपंग | अपाहिज, तिलक, नेत्रों के कोने। |
अग्र | पहाड़, वृक्ष, अचल। |
अग्र | मुख्य, आगे, नोंक, शिखर। |
अमृत | सुधा, जल, अमर, सुन्दर। |
अन्तर | मध्य, ह्रदय, व्यवधान, भेद। |
अज | ब्रह्मा, बकरा, दशरथ का पिता। |
अक्ष | आँख, धुरी, आत्मा, पहिया, पासा। |
अक्षर
|
अविनाशी, वर्ण, आत्मा, आकाश, मोक्ष। |
अमल | निर्मल, अभ्यास, समय, नशा। |
अमर | देवता, पारा, अविनाशी। |
अलि | भौंरा, मदिरा, कुत्ता। |
अरिष्ट | लहसुन, नीम, कौवा। |
अहि | सर्प, सूर्य, कष्ट। |
अचल | स्थिर, पर्वत, दृढ़। |
अटक | बाधा, भ्रमणशील, उलझन। |
अरुण | लाल रंग, सूर्य, सिन्दूर। |
आत्मा | प्राण, अग्नि, सूर्य। |
आकार | स्वरूप, चेष्टा, बुलाना। |
आशुग | वायु, तीर, पत्र। |
आली | सखी, पंक्ति। |
अधिवास | निवास, पड़ोसी, बस्ती, हठ। |
अनल | आग, परमेश्वर, जीव, विष्णु। |
अपाय
|
जाना, लोप, नाश, हानि, उपद्रव। |
अभय | निर्भयता, शिव, निरापद। |
अभिनिवेश | आग्रह, संकल्प, अनुराग, दृढ़ निश्चय। |
अयोनि | अजन्मा, नित्य, मौलिक, कोख। |
अशोक | मगधराज, शोकरहित, एक वृक्ष। |
आँख | नयन, परख, सन्तान, छिद्र। |
आनंद | ख़ुशी, मदिरा, शिव, एक छंद। |
आभीर | अहीर, एक राग। |
अगज
|
हाथी से भिन्न, पहाड़ से उत्पन्न। |
ईश्वर
|
परमात्मा, स्वामी, शिव, पारा, पीतल। |
इतर | दूसरा, साधारण, नीच। |
इंगित | संकेत, अभिप्राय, हिलना-डूलना। |
इन्द्र | देवराज, राजा, रात्रि। |
उत्तर | उत्तर दिशा, जवाब, हल, अतीत, पिछला, बाद का इत्यादि। |
उग्र | विष, प्रचंड, महादेव। |
उद्योग | परिश्रम, धंधा, कारखाना। |
उदार | दाता, बड़ा, सरल, अनुकूल। |
एकांत | तत्पर, स्वस्थचित्त। |
एकाक्ष | काना, कौवा। |
ऐरावती | इरावती नदी, बिजली, वटपत्री। |