कंपनी अधिनियम 2013: अधिनियम के तहत कंपनियों के प्रकार
कंपनियों के प्रकार:-
दायित्व के आधार पर कंपनी के प्रकार:-
- अंशो द्वारा सीमित कंपनी:-
यह एक ऐसी कंपनी होती है जिसमें उसके सदस्यों का दायित्वा उसके पार्षद सीमा नियम में उल्लेखित अंशों के मूल्य की सीमा तक बकाया राशि तक के लिए हो। अतः अंशो द्वारा सिमित कंपनी से आशय ऐसी कंपनी से है जिसके सदस्यों का दायित्व उनके द्वारा लिए गए अंशो की राशि तक सीमित रहता है।
- जमानत द्वारा सिमित कंपनिया:-
कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत, जमानत द्वारा सीमित कंपनी, एक ऐसी कंपनी होती है जिसके सदस्यों का दायित्वा उनके द्वारा प्रदान की गई सहमति, तक की राशि जो कंपनी के सीमा नियम में उल्लेखित तक सिमित रखता है। अतः कंपनी के सदस्य उनके द्वारा प्रदान की गई सहमति जमानत की राशि कंपनी के समापन के समय एकत्रित करने के लिए बाध्य होते हैं।
- असीमित दायित्व कंपनी:-
कंपनी अधिनियाम के अंतर्गत पंजीकृत एक ऐसी कंपनी जिसके सदस्यों के दायित्व की सीमा का कोई निर्धारण न हो असीमित दायित्व कंपनी कहलाती है।
सस्थापन या निगमन के आधार पर कंपनियों के प्रकार:-
- पंजीकृत कंपनी–
- कंपनी अधिनियम 2013 या इससे पूर्व के किसी कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत कंपनी को पंजीकृत कंपनी ही कहा जाएगा।
- पंजीकृत कंपनियां कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत वर्णित प्रक्रिया के अनुसार पंजीकृत होने के उपरांत कंपनी के रजिस्ट्रार द्वारा प्रदान किए जाने वाले पंजीकरण प्रमाण पत्र को प्राप्त कर लेने के बाद ही अस्तित्व में आती है।
- वैधानिक कंपनी–
वैधानिक कंपनी भारतीय संसद या किसी राज्य सरकार द्वारा पारित किसी विशेष अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जन कल्याण को सहायता और सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित या निगमित की जाती है। यह कंपनिया विशेष अधिनियम के प्रावधानों के साथ कंपनियां अधिनियम 2013, के वह प्रावधानों से असंगत न होने के द्वारा शासित होता है।
कंपनी के सदस्यों की संख्या के आधार पर कंपनी के प्रकार:-
- सार्वजनिक कंपनी:-
- कंपनी अधिनियम 2013, अनुच्छेद 2 (71) परिभाषित किया गया है कि जो कंपनी निजी कंपनी निजी कंपनी नहीं है वह सार्वजनिक कंपनी है।
- कंपनी अधिनियम 2013, अनुच्छेद 3 (1) में परिभाषित प्रावधान के अनुसार सात या उससे अधिक व्यक्ति द्वारा वैधानिक उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक कंपनी की स्थापना की जा सकती है।
- कंपनी अधिनियम 2013, अनुच्छेद 149 (1) में परिभाषित प्रावधान के अनुसार प्रत्येक सार्वजनिक कंपनी के निदेशक मंडल में कम से कम 3 निदेशक रहना अनिवार्य है।
- कंपनी अधिनियम 2013, अनुच्छेद 4 (1) (a) में परिभाषित प्रावधान के अनुसार सार्वजनिक कंपनी को अपने नाम के अंत में लिमिटेड शब्द लगाना अनिवार्य है।
- निजी कंपनी:-
कंपनी अधिनियम 2013, अनुच्छेद 2 (68) में परिभाषित, परिभाषानुसार निजी कंपनी एक ऐसी कंपनी है जिसे उसके पार्षद सीमा नियम द्वारा निमन्लिखित कार्य करने के लिए प्रतिबंधित किया जाता है।
- एकल व्यक्ति कंपनी:-
कंपनी अधिनियम 2013 के लागू होने के साथ ही इसमें अनेकों नए सिध्दांतों को प्रतिपादित कर परिचित कराया गया है जो पहले कंपनी अधिनियम 1956 का भाग नहीं थे, उन्हीं सिध्दांत में से एक है एकल व्यक्ति कंपनी का सिध्दांत।