कोरोना जैसे लक्षण मगर कोरोना नहीं , हो सकता है स्वाइन फ्लू
डॉक्टरों का कहना , अभी केवल इंफ्लुएंजा के मामले आ रहे है।
कोविड जैसे लक्षण, लेकिन कोविड नहीं। इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे है जिसमे लोगों को फीवर , सिरदर्द , सांस लेने में दिक्कत वैगेरा लेकिन जांच करने में पता चल रहा है की कोविड नहीं है। आगे की जांच करने पर पता चल रहा है की ये सभी लोग स्वाइन फ्लू यानि एच1एन1 वायरस से पीड़ित है। दिल्ली में ज्यादा मरीज कोविड के नहीं बल्कि इंफ्लुएंजा या स्वाइन फ्लू के आ रहे है।अपोलो अस्पताल में 3 मरीजों की इस स्वाइन फ्लू वायरस की पुष्टि हुई है। मगर गंगाराम में रोज ऐसे मामले के मरीज 3-4 आ रहे है। एनसीडीसी ने 31 जुलाई का की रिपोर्ट में बताया है की स्वाइन फ्लू के मामले 2 के आये है। पिछले साल दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 412 मानले सामने आये थे।
गंगाराम हस्पताल में रोजाना 15 से 20 मरीज आ रहे है, और उनमे से 3 – 4 मरीज केवल स्वाइन फ्लू के है। अब कोरोना के मामले न के बराबर है , केवल स्वाइन फ्लू के मामले सामने आ रहे है। अपोलो अस्पताल में भी स्वाइन फ्लू के तीन मरीज मिले है। इस मामले में डॉक्टर समीर भाटी ने कहा की अभी तेज फीवर, सांस लेने, कफ के मामले लेकर मरीज आ रहे है, लेकिन जांच में कोविद नहीं बल्कि स्वाइन फ्लू मिल रहा है। उन्होंने कहा की यह महामारी 2009 में आई थी। उनके लैब में भी एक मरीज में इस वायरस की पुष्टि हुई है। अभी रोजाना 15 – 20 इन्क्वायरी आ रही है। इसको देखते हुए हम इसकी जांच में इस्तेमाल होने वाले और किट मंगवा रहे है। उन्होंने कहा की सीजनल इंफ्लुएंजा के भी काफी मामले है। इसलिए लोगो को सतर्क रहना चाहिए, अगर लक्षण दिखे तो जांच कराए, कोविड जांच नेगेटिव आए तो स्वाइन फ्लू की भी जांच कराए, ताकि समय पर इसका पता च सके और इलाज किया जा सके।
एनसीडीसी की रिपोट के अनुसार, 31 जुलाई तक दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 2 मामले सामने आए थे। लेकिन 12 अगस्त तक अस्पतालो में स्वाइन फ्लू एक मामले पहले से जयदाहोने की पुष्टि हो रही है। एनसीडीसी के अनुसार, दिल्ली में पिछले साल स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए थे, लेकिन किसी की मौत नहीं हुई थी।
स्वाइन फ्लू यानि एच1एन1 क्या है ?
यह एक वायरस इंफेक्शन है। यह भी कोविड की तरह एक से दूसरे में फैलता है। इससे बचने के लिए संक्रमित लोगों से दूर रहना चाहिए। डॉक्टर गोगिया ने बताया की दूर रहना चाहिए। डॉक्टर गोगीय ने बताया की स्वाइन फ्लू के खिलाफ एन्टीवायरल दवा उपलब्ध है और इसका इलाज संभव है। यही नहीं, इस वायरस की वेक्सीन भी है, इसलिए पैनिक होने वाली बात नहीं है। देश में स्वाइन फ्लू एक तरह से मस्मि बीमारी की तरह है और यह हर साल इन दिनों फैलता है। उन्होंने कहा की अगर आपको बुखर के साथबहती नाक, गले में सूजन और छाती जाम होने जैसी शिकायते भी हो तो H1N1 जांच करवा ले।
माक्स से बचाव :
कोविड की तरह स्वाइन फ्लू भी एक संक्रामक बीमारी है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। ऐसे में इसमें भी बचाव के लिए मास्क एक कारगर उपाय हो सकता है। हस्पताल, किसी सार्वजनिक जगह पर जाने या संक्रमित व्यक्ति के पास जाना जरुरी हो तो मास्क पहनें। इससे आप बीमरी से सुरक्षित रह सकते है।
स्वाइन फ्लू से ऐसे करे बचाव
- खांसने और छींकने के दौरान अपनी नाक और मुँह को कपड़े या रुमाल से जरूर ढके .
- अपने हाथो को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोएं
- भीड़ – भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचे
- फ्लू से संक्रमित हो तो घर पर ही आराम करें
- फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से कम से कम एक हम की दुरी बनाए रखें