Dhanteras 2021 :- धनतेरस के दिन होता है कुबेर लक्ष्मी धन्वंतरि व् यमराज की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन -विधि

Dhanteras 2021 :- धनतेरस के दिन होता है कुबेर लक्ष्मी धन्वंतरि व् यमराज की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन -विधि

 

Dhanteras 2021  :- कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन धन के देव कुबेर, मां लक्ष्मी, धन्वंतरि और यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी, तांबा, पीतल आदि के बर्तन खरीदने की परंपरा है। उक्त खरीददारी एक निश्चित शुभ मुहूर्त होता है। शुभ मुहूर्त में खरीददारी करने से उसका उचित फल प्राप्त होता है। इस बार धनतेरस दो नवम्बर को है। धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी मनाया जाता है। इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है। पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया की धनतेरस पर शुभ मुहूत में पूजन व खरीददारी करनी चाहिए।

धनतेरस के शुभ मुहूर्त

* धनतेरस की शुरुआत 02 Nov 2021 मंगलवार को होगी।

* धनतेरस के दिन खरीदारी करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

* धनतेरस के दिन बर्तन, सोना,-चांदी, गहने और झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।

* धनतेरस पूजा मुहूर्त शाम 6:16 बजे से रात 8:11 बजे तक रहेगा।

धनतेरस पूजन विधि:-

धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाएं। कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं। पूजा करते समय कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए। फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाना चाहिए। धनतरेस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। शास्त्रों में वर्णित है की कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी की रात यम देवता का पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर भेंट करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इसलिए इस दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखा जाता है।

Diwali 2021 :- दीवाली की रात 1 दीपक जलाकर गरीब से गरीब भी बन सकते है। धनवान।