Internet Fraud in Hindi

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साइबर सिक्योरिटी – एक चुनौती!

 

तकनीक और आविष्कार के इस्तेमाल से मानवजाती ने पूरे विश्व को बदल दिया है और पुरे बह्रामंड के भ्रमण पर निकला हुआ है। मानवजाती ने अंगिनत ऐसी चीजें बनाई है जिसने हमारे जीने का तरीका बदल दिया है और जैसे वाहन, हवाई जहाज, मोबाइल, इंटरनेट आदि जैसी कई चीजें जिनके बिना अब जिंदगी गुजारने की कल्पना करना भी मुश्किल है। आज हम ऐसे ही एक आविष्कार के बारे में बताने जा रहे है जो मानवजीवन के लिए एक वरदान से कम नहीं है पर कभी – कभी और किसी – किसी के लिए ये वरदान अभिशाप बन जाता है। इंटरनेट हमें दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक जोड़ता है, एक क्लिक में पूरी दुनिया सामने ला देता है, दुनिया भर का ज्ञान देता है और न जाने कितनी अंगिनत सहूलियत हमें देता है पर कभी – अभी कुछ हैकर्स हमारी निजी जानकारी चुरा लेतें है या फिर हमारा सिस्टम क्रैश कर के सारा निजी डाटा चुरा लेतें हैं और इसके बदले में हमसे फिरौती में बिटकॉइन (इंटरनेट वाला पैसा) मांगते है और फिरौती न देने पर हमारा निजी डाटा सार्वजनिक कर देतें है या फिर हमेशा के लिए डिलीट कर देते है। फिर यह डाटा आपको कभी भी प्राप्त नहीं हो सकता है। तो हम जानते है की साइबर क्राइम  होता है, इसके कितने प्रकार होते हैं और इनसे कैसे बचा जाए।

 

आखिर क्या होता है साइबर सिक्योरिटी:-

सबसे पहले यह जानते है की साइबर सिक्योरिटी का अर्थ क्या होता है। साइबर का अर्थ होता है, इंटरनेट पर उपलब्ध हमारी निजी जानकारी और अन्य डाटा, जो हमारी सुरक्षा के लिए भी बहुत कीमती होता है और सिक्योरिटी का अर्थ होता है सुरक्षा यही साइबर सिक्योरिटी का अर्थ यह है की, हमारी निजी जानकारी सुरक्षा। हमारी निजी को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सिक्योरिटी का इस्तेमाल किया जाता है। और हैकर इसी सुरक्षा को भेद कर हमारा निजी डाटा चुरा लेते है और डाटा लौटने के बदले में हैकर पीड़ित से फिरौती में बिटकॉइन मांगते है और बिटकॉइन  पर पीड़ित का सारा निजी डाटा को हमेशा के लिए डिलीट देतें हैं।

 

साइबर क्राइम के प्रकार:-

साइबर क्राइम 4 प्रकार के होते है, जिसके अलग – अलग प्रकार के दुष्ट प्रभाव है।

 

मालवार:-

मालिसियस सॉफ्टवेयर के नाम से जाना जाने वाला यह मालवार सॉफ्टवेयर एक डेंजर या फिर दूषित कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर है। जिसका काम कंप्यूटर नुकसान पहुंचना, डाटा हैक करना आदि गैर कनूरी काम शामिल है। मैलवेयर सॉफ्टवेयर हमारे कंप्यूटर में किसी स्पैम ईमेल, फ्रॉड वेबसाइट या फिर हमारे ही गलती से डाउनलोड करने की वजह से आ जाते हैं।

 

एडवेयर:-

एडवेयर आपके किसी भी डिवाइस में इनस्टॉल हो सकता है और एडवेयर की एक ख़ास बात यह है की यह आपके डिवाइस को दूषित करता या फिर डाटा नहीं चुराता बस एडवेयर आपके होमस्क्रीन पर खूब सारे प्रचार दिखता है और पैसे कमाता है।

 

स्पाईवेयर:-

स्पाईवेयर बहुत ही चुपके से किसी भी और सॉफ्टवेयर के साथ जुड़ कर आपके डिवाइस में इनस्टॉल हो जाता है और हमारे सभी डाटा पर नज़र रखता है और इसे चुरा कर हैकर को भेजता है। स्पाईवेयर हमारे डाटा को नुक्सान नहीं पहुंचता बस इसे हैकर को देता रहता है और हमारे डिवाइस की जासूसी रहता है।

 

रैनसमवेयर:-

रैनसमवेयर सॉफ्टवेयर अगर हमारे कंप्यूटर या अन्य डिवाइस में इनस्टॉल हो गया तो यह हमारा सारा डाटा ब्लॉक कर देता और सभी डाटा को दूषित कर देता है। और सभी डाटा को अनब्लॉक करने के लिए हमसे फिरौती मांगता है और फिरौती न देने हमारा सारा  हमेशा के लिए डिलीट कर देता है जो की बहुत महंगा सौदा हो सकता है।

 

ऐसे सुरक्षित रखे अपने डिवाइस:-

डिवाइस हैकिंग का खतरा हर पल बढ़ता जा रहा है, जो इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले खरबों लोगों की निजी सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। ऐसे में हमें निम्नलिखित उपाय को इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे आपका निजी डाटा हमेशा रहे।

 

  1. अगर आपके पास बहुत पुराण आउटडेटिड डिवाइस है और आप उसमे इंटरनेट चला रहे है तो यह अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के समान है। अगर आप ऐसा करते हैं तो ऐसा करना बिलकुल बंद कर दें।
  2. आप अपने डिवाइस को हमेशा अपडेट रखें। डिवाइस अपडेट रखने पर आपका डिवाइस ज़्यादा सेफ रहता है और डाटा चोरी का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है।
  3. अपने ईमेल, बैंक और अन्य पासवर्ड किसी के भी साथ साझा न करें। ऐसा करने पर आपका डिवाइस और आपके बैंक का पैसा बड़ी आसानी से पूरी तरह से ख़त्म हो सकता है। जितना हो सके उतना मजबूत पासवर्ड इस्तेमाल करें। अपना डिवाइस किसी और को इस्तेमाल करने से परहेज़ करें।
  4. जितना हो सके उतना अच्छा एंटीवायरस डिवाइस में इनस्टॉल करें और समय – समय पर अपडेट करें। एंटीवायरस डिवाइस पर होने वाले किसी भी प्रकार के होने वाले हमले को रोकता है और डिवाइस सुरक्षित रखता है।
  5. जितना हो सके सिक्योर नेटवर्क से डिवाइस कनेक्ट रखें और फ्री वाई – फाई के लालच में न पड़े, जो आपके लिए बहुत महंगा सौदा हो सकता है। हैकर फ्री वाई – फाई इस्तेमाल करने वाले डिवाइस को ज्यादा आसानी से हैक कर लेते है।
  6. जितना हो सके उतना ही इंटरनेट एक्सप्लोर करें और फ़र्ज़ी वेबसाइट, ईमेल, लिंक आदि से सावधान रहें।
  7. और अगर फिर भी आपका डिवाइस हैक हो जाता है तो सबसे पहले इसकी सूचना साइबर सेल को दें। जितनी जल्दी जानकारी देंगे उतनी ही जल्दी चंगुल से बाहर आएँगे।
  8. और हैकर कभी भी फिरौती (बिटकॉइन) लेने के बाद आपका डाटा नहीं लौटते। ऐसे में सबसे अच्छा रास्ता हैक साइबर सेल की मदद ही लें।

 

यह थी साइबर क्राइम और साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी महत्पूर्ण बातें, जो आपको अगला साइबर पीड़ित होने से बचा सकता है।

 

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साइबर सेल की ऑफिसियल वेबसाइट
जगह राज्य वेबसाइट
भारत https://www.socialmediamatters.in/online-safety-hub/cyber-crime-cells-in-india
दिल्ली http://www.cybercelldelhi.in/Districtcybercell.html

 

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