Jivitputrika Vrat 2021: 28 या 29 कब रखा जाएगा जीवित्पुत्रिका व्रत जानिए शुभ मुहूर्त पूजन विधि और महत्व
हिन्दू धर्म में व्रत-त्यौहार को बेहद धूमधाम से मानते है इन त्यौहार में से एक है जीवित्पुत्रिका व्रत जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया या जितिया व्रत के नाम से भी जानते है हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल आश्रिन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया व्रत रखा जाता है जितिया व्रत को संतान प्राप्ति और उसकी लम्बी आयु के लिए माताए रखती है।
कठिन व्रतों में से एक मन जाता है जितिया व्रत-
ज्योतिशषाचायो के अनुसार इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है इस दिन माताए अपनी संतान की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती है सप्तमी तिथि को नहाए खाए अष्टमी तिथि के दिन जितिया व्रत और नवमी के दिन व्रत का परं किया जाता है नहाए खाए वाले दिन व्रती महिलाए सूर्यास्त के बाद कुछ नहीं खाती है।
जितिया व्रत का महत्व-
पौरोणिक कथाओ के अनुसार इस व्रत का महत्व महाभारत काल से जुड़ा है कहते है की उतरा के गर्भ में पल रहे पांडव पुत्र की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने अपने सभी कमे से उसे पुनजीवित कर दिया था तभी से स्त्रियां आश्रिन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को निर्जला व्रत रखती है कहते है की इस व्रत के प्रभाव से भगवान श्रीकृष्ण व्रती महिलओं के संतान की रक्षा करते है।
जीवित्पुत्रिका व्रत पूजन विधि-
स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराए धुप दीप आदि से आरती करें और इसके बाद भोग लगाए इस व्रत में माताए सप्तमी को खाना और जल ग्रहण क्र व्रत की शुरुआत करती है और अष्टमी तिथि को पुरे दिन निर्जला व्रत रखती है नवमी तिथि लको व्रत का समापन किया जाता है।
कब है जितिया व्रत
इस साल जितिया व्रत 28-30 सितंबर तक मनाया जाएगा यह पर्व तीन दिनों तक मनाया जाता है जितिया व्रत 28 सितंबर को नहाए-खाए के साथ शुरू होगा 29 सितंबर को निर्जला व्रत रखा जाएगा और 30 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा।
जितिया व्रत शुभ मुहूर्त 2021-
जीवित्पुत्रिका व्रत-29 सितंबर 2021
अष्टमी तिथि प्राम्भ-28 सितंबर को शाम 6 बजकर 16 मिंट से
अष्टमी तिथि समाप्त-29 सितंबर की रत 8 बजकर 29 मिंट से