kajari teej 2021: कब है कजरी तीज जाने शुभ मुहूर्त विशेष सयोगा पूजा विधि और महत्व

kajari teej 2021: कब है कजरी तीज जाने शुभ मुहूर्त विशेष सयोगा पूजा विधि और महत्व

 

kajari teej 2021: भद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीय को कजरी तीज मानते है कजरी तीज को बूढी तीज कजली तीज सातुड़ी तीज भी खा जाता है इस दिन सुहागिने अपने पति की लम्बी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती है इस साल भादो मास के कृष्ण पक्ष की तीज 25 अगस्त को पद रही है धर्मिक मान्यता के अनुसार महिलाओ के व्रत से प्रस्सन होकर भगवान शिव और माता पर्वती उनकी सभी मनोकामनाए पूरी करते है महिलाए भगवान शिव और माता पर्वती से सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती है ऐसी भी मन जाता है की अगर किसी लड़की की शादी में कोई बढ़ा आ रही है तो इस व्रत को जरूर रखे भगवान शिव और माता पारवती की समपिर्त इस व्रत को काफी लाभकारी मन गया है।

 

कजरी तीज पर बन रहा ध्रती योग

 

इस साल कजरी तीज पर सुबह 5 बजकर 57 मिंट तक ध्रती योग रहेगा वैदिक ज्योतिष शस्त्र में इस योग को बेहद शुभ मन गया है कहते है की इस योग में किआ कार्यो में सफलता हासिल होती है।

 

कजरी तीज का शुभ मुहूर्त

तृतीय तिथि प्राम्भ- शाम 4 बजकर 5 मिनट से 24 अगस्त

तृतीय तिथि समाप्त-शाम 4 बजकर 18 मिनट तक 25 अगस्त

 

कजरी तीज पूजा विधि

इस दिन महिलाए  स्नान के बाद भगवान शिव और माता गोरी की मिट्टी की मूर्ति बनती है या फिर बाजार से ले मूर्ति का पूजा में उपयोग करती है व्रती महिलाए माता गोरी और भगवान शिव की मूर्ति को एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित करती है इसके बाद वे शिव-गोरी का विधि विधान से पूजन करती है जिसमे वह माता गोरी को सुहाग के 16 साम्रगी अर्पित करती है वही भगवान शिव को बेल पत्र गाय का दूध गंगा जल धतूरा भांग आदि चढ़ती है फिर धुप और डीप आदि जलाकर आरती करती है और शिव-गोरो की कथा सुनती है।

 

गाय की पूजा

इस दिन गे की पूजा की जाती है गे को रोटी व् गुड़ चना खिलाकर महिलाए अपना व्रत खोलती है।

 

चंद्रोदय के बाद खोला जाता है व्रत

 

कजरी तीज का करवाचौथ से काफी मिलता जुलता है इसमें पुरे दिन व्रत रखते है और शाम को चंद्रोदय के बाद खोला जाता है कजरी तीज के दिन जौ गेहू चने और चवल के सतु में गहि और मेवा मिलकर तरह-तरह के पकवान बनाए जाते है चंद्रोदय के बाद भोजन करके व्रत तोडा जाता है।