बढ़ती पॉल्यूशन, कोरोना और ठण्ड के खतरे को इन योग आसान से करें दूर, होगा बहुत लाभ
- अनुलोम विलोम:-
सबसे पहले चटाई पर आराम से बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी सीधी रखे साथ ही साथ अपनी दोनों आँखों को बंद कर लें। अब अपने बाएं हाथ को ज्ञान मुद्रा में घुटनो पर रखे और दाए हाथ की छोटी अंगुली को बाएं नथुना पर रखें फिर अंगूठे को दाएं नथुना पर लगाएं। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलकर मोड़ लें।
यहाँ से अब बाएं नथुना से सांस भरे और फिर उसे सबसे छोटी अंगुली से बंद कर लें। अब इसके तुरंत बाद दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बहार निकाल दें। फिर अब दाएं नथुना से सांस भरे और अंगूठे से बंद कर दें और इस नाख़ून से बाएं नथुन से बहार निकालें। इसी प्रक्रिया को काम से काम 10 बार करें।
- उज्जायी प्रायाणाम:-
सबसे पहले चटाई पर बैठ जाए और रीढ़ की हड्डी सीधी कर के बैठे, अब गले से सांस अंदर भर कर जितनी देर तक हो सकते है उतनी देर तक सांस को रोके। फिर इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक से सांस छोड़े। ऐसा काम से काम 5 बार करें।
- कपालभाति:-
सबसे पहले सुखासन में बैठे और आँख बंद कर लें, अब दोनों नथुना से आराम से गहरी सांस अंदर लें और फिर अब सांस तेजी से बहार की और छोड़े। कपालभाति को एक बार में काम से काम 20 बार करें।
- भ्रामरी:-
सबसे पहले आप पद्मासन में बैठ जाए, फिर गहरी सांस अंदर लें और अपनी हथेली की सबसे छोटी अंगुली नाक पर लगाएं और बाकी तीन अंगुली आँखों पर रख कर आँख बंद कर लें और अंगूठे से कान को बंद करते हैं। अब सांस को ॐ की आवाज़ के साथ बहार निकालें। भ्रामरी प्रायाणाम को काम से काम 20 बार जरूर करें।
सूर्य नमस्कार सबसे महतवपूर्ण आसान, जो कई सारी बिमारियों से शरीर को काफी दूर रखता है और शरीर तंदुरुस्त रहता है।