शुक्र प्रदोष व्रत 2021 : कौन से महीने में है , पूजा कैसे करनी है , तथा व्रत सभी जानकारी
09.04.2021 फाल्गुन मॉस के शुकल पक्ष पर पड़ने वाला प्रदोष व्रत कहा जाता है की बहुत ही लाभ करि है इस दिन मन जाता है की आप पुरे विधि विधान से महादेव की पूजा अर्धना करते है तो आप में जो भी दोष है वो दूर होजाते है। किसी भी प्रदोष व्रत की पूजा प्रदीश काल में ही की जाती है यह समय पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है। इस दिन सूर्य उदे का समय रहेगा – 6 : 28 min सूर्यास्त का समय रहेगा 6 : 36 . माना जाता है प्रदोष व्रत का समय सूर्य उदे से 35 min पहले या 35min बाद . इस दिन समय रहेगा शाम 5 : 17 min
प्रदोष व्रत की कथा –
पौराणिक कथा के अनुशार एक गाओ में तीन मित्र रहते थे राजकुमार , धनिक पुत्र और भ्रह्माण कुमार। राजकुमार , भ्रह्माण कुमार दोनों ही विवाहित थे , धनिक पुत्र भी वैवाहित था लेकिन गोना शेष था। एक दिन तीनो मित्र मिल कर स्त्री के ऊपर चर्चा कर रहे थे भ्रह्माण कुमार ने स्त्रियों की प्रशंषा करते हुए कहा , स्त्री हीन घर भूतो का डेरा होता है। धनिक पुत्र ने जब यह सुना तो तुरत ही अपनी पत्नी को लेन का निषे कर लिया। तब धनिक पुत्र के माता पिता ने समझाया की अभी शुक्र देवता दुबे हुए है अभी बहु बेटियों को अपने घर से विदा करवाना अशुभ माना जाता है। लेकिन धनिक पुत्र ने उनकी एक भी बात नहीं सुनी अब वह अपने ससुराल पहुंच ससुराल में भी उसे बहुत मनाए एक कोशिश की गए थी लेकिन वो अपने जिद पर ही आड़ा रहा।आखिर कर कन्या के माता पिता को अपनी पुत्री को विदा करना पड़ा। विदा करने के बात पति पत्नी शहर के बहार निकले ही थे की गाड़ी का पाइया टूट गया और साथ ही बैल का पैर टूट गया दोनों को काफी चोट भी लगी लेकिन दोनों पैदल ही पैदल चलने लगे। कुछ दूर जाने पर उनका पला डाकुओ से पड़ गया , जो उनका सारा दहन लूट कर चले गए। जब दोनों घायल अवस्ता में घर पहुंचे तब वह धनिक पुत्र को सैप ने डांस लिया। उसके पिता ने वैध को बुलाया तब उसने कहा की वह अगले दिन , दिन में ही मरने वाला है। जब यह बात भ्रह्माण कुमार को पता चली तो वह धनिक पुत्र के घर चला गया और उसके माता पिता को शुक प्रदोष व्रत करने की सहला दी , और साथ ही यह भी कहा की इसको इसके पत्नी सहित घर वापस बेज दे। तब धनिक कुमार ने भ्रह्म्ण कुमार की बात मान कर ससुराल लोट गया जहा उसकी हालत सही होती गई। शुक्र पक्ष के महा तप से उसके सरे सकाट दूर हो गए। इस दिन जोभी व्रत रक्ता वह इस व्रत कथा को सुनता है भगवन महादेव की कृपा से उसके सारे संकट दूर होजाते है।
हर हमी ने के शुकल पक्ष और किष्ण पक्ष की त्रियो तिथि को ही प्रदोष व्रत रखा जाता है। कहते है इस दिन महादेव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। इस दिन पूजा करने से लाखो गायो के दान करने जैसा पुण्य प्राप्त होता है।
कोना से ऐसे दोष है जो ये व्रत करने से दूर होते है-
- जिन लोगो के विवाह में समस्या आ रही है
- विवाहित जीवन सुखात न हो
- विवाह नहीं हो रहा हो
उन सभी को शुकल प्रदोष व्रत करने से जरूर लाभ मिलेगा। महादेव के जो भी वो इस व्रत को जरूर करे। पति की लाबी उम्र के लिए , सुख समृद्धि के लिए भी इस व्रत को किया जाता है। धन प्राप्त की लिए भी किया जाता है , वेहवाहिक जीवन में मधुरता लेन के लिए भी इसे किया जाता है। इसके साथ ही शुकल पाश को मजबूत बनाने के लिए भी इसे किया जाता है। इस व्रत को करने ने आयु में विर्धि होती है , स्वस्थ अच्छा होता है। समाज में कद बड़ ता था। व्रत करने वाले लोगो को भ्रह्म कल में उठ कर स्नान करना है साथ ही साफ स्वच्छ कपड़े पहनने है। साथ ही हलके रंग के वस्त्र पहनने है। पूजा करते समय महादेव का दयान करते वक्त व्रत का संकल्प लेना है। व्रत का संकल्प हमेशा हात में जल लेके करे। सुबह के समय पूजा करते समय भोले नाथ का जाप करे। सभव हो तो इस दिन भोले नाथ के शिवलिंग पर दुह और जाल मिला कर अर्पित करे।
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