दिल्ली में सभी आकर्षक घूमने वाली जगह/ All the attractive places to visit in Delhi

दिल्ली में सभी आकर्षक घूमने वाली जगह/ All the attractive places to visit in Delhi

 

देश और दुनिया में कई लोग ऐसे होते है जिन्हे घूमना बहुत पसंद होता है। लोग घूमने – फिरने के लिए बहुत साड़ी जगह पर जातें है और बहुत मज़ा करते है। भारत की राजधानी दिल्ली में ऐसी कई साड़ी जगह, इमारतें आदि है जो पर्यटकों का मन मोह लेती है। दिल्ली में कई साड़ी ऐतिहासिक स्मारक, आधुनिक काल की इमारत आदि है जो बहुत ही शानदार और अद्भुत हैं। यह सभी स्थल देश की राजधानी को और ज़्यादा ख़ूबसूरत बनती हैं। दिल्ली मुगलों के साथ ही अंग्रेज़ों की भी राजधानी रही है जिस वजह से दिल्ली में बहुत कुछ अद्भुत है, जो दिल्ली को शानदार बनती है। दिल्ली दुनिया के महत्वपूर्ण देश भारत की राजधानी है, जिस वजह से यहां समय – समय पर कई सारे बदलाव होतें रहते हैं। तो चलिए आज चलते है देश की राजधानी दिल्ली की यात्रा पर।

 

  1. लाल क़िला/ Red Fort:-

मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया ये क़िला बहुत ही आकर्षक और मनमोहक क़िला है। इस क़िले का निर्माण 1546 में हुआ था। लाल क़िले भारतीय इतिहास का चश्मदीद रहा है। लाल क़िले ने मोगलों से ले कर अंग्रेज़ों तक का साशन और भारत की आज़ादी का जश्न तक देखा है। लाल क़िला यमुना किनारे बना है और यह चांदनी चौक के ठीक सामने है। लाल क़िला पर्यटकों के लिए हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है और हर साल इसे देखने लाखों की संख्या में देसी और विदेशी सेलानी आतें है। लाल किला के करीब लाल क़िला मेट्रो स्टेशन उपलब्ध है।

 

  1. स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर/ Swaminarayan Akshardham Temple:-

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का निर्माण 2005 में यमुना किनारे हुआ है। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर बहुत सुन्दर और आकर्षक मंदिर है। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण का निवास स्थान है। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर संस्कृति के साथ आधुनिकता का संगम है। विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर होने की वजह से गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का नाम दर्ज है। यहां भी हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक दर्शन करने आतें है। स्वामीनारायण अक्षरधाम के पास अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन उपलब्ध है।

 

  1. कनॉट प्लेस/ Connaught Place (CP):-

कनॉट प्लेस को देश की राजधानी दिल्ली का दिल कहा जाता है। सफ़ेद रंग की यह कई सारी इमारतें एडविन लुटियंस द्वारा बसाई गई दिल्ली का हिस्सा है। यह क्षेत्र मार्केट और ऑफिस से भरा क्षेत्र है। यहाँ पब, क्लब, रेस्टोरेंट, होटल्स, सिनेमा हॉल, बाजार और देश का प्यारा तिरंगा आदि हैं। यह क्षेत्र वेस्टर्न यानि पश्चिमी फैशन और आकर्षण का ख़ास क्षेत्र है। कनॉट प्लेस देश और दुनिया का सबसे महंगे क्षेत्र का हिस्सा है। कनॉट प्लेस के आस – पास राजीव चौक, जनपथ और बाराखंबा मेट्रो स्टेशन उपलब्ध हैं।

 

  1. जंतर – मंतर/ Jantar Mantar:-

सन 1724 में महाराजा जय सिंह द्वारा बनाया गया जंतर – मंतर बहुत बड़ा स्थान और समय का अध्यन करने के लिए बनाया गया था एक वेधशाला के रूप में बनाया था। जंतर – मंतर संसद मार्ग पर स्थित है। यह पर्यटकों और प्रदर्शनकारियों के लिए बहुत ही प्रशिद्ध स्थान है। जंतर – मंतर कनॉट सर्किल के दक्षिणी क्षेत्र में स्तिथ हैं। जंतर – मंतर के करीब जनपथ मेट्रो स्टेशन उपलब्ध है।

 

  1. बहाई मंदिर/ Lotus Temple:-

दिल्ली में उपास्थि बहुत ही आश्चर्यजनक और खूबसूरती से भरपूर बहाई मंदिर बहुत ही आकर्षक है। बहाई मंदिर सफ़ेद कमल की संरचना का प्रतिक है। यह क्षेत्र बहुत ही शांत और आत्मा को प्रसन करने वाला क्षेत्र है। यह मंदिर 1986 में बनकर तैयार हुआ है। इसे कनेडा के वास्तुकार फरिबोराज साहब ने तैयार किया है। बहाई मंदिर एकता और सर्वधर्म का प्रतिक है और यहाँ हर धर्म और जाती का कोई सा भी व्यक्ति आ सकता है। बहाई मंदिर लोटस टेम्पल रोड, बहापुर, कालकाजी नई दिल्ली में उपलब्ध है। बहाई मंदिर के करीब कालकाजी मंदिर, एनएसईसी, नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन है।

 

 

  1. हुमायु का मकबरा/ Humayu Tomb:-

हुमायु का मकबरा दूसरे मुग़ल बादशाह हुमायु के लिए बनाया था। यह मकबरा बहुत शानदार कला, वास्तुकारी और खूबसूरती का नतीजा है। इसका निर्माण 1570 हुआ था। हुमायु के मकबरे को बेगा बेगम द्वारा बनाया गया था और इसका मनमोहक डिज़ाइन मिराक मिर्ज़ा और उनके पुत्र सईद मुहम्मद द्वारा तैयार किया गया था। इस मकबरे में कई सारी नालियां है, जो इसे ठंडा रखती है। भारत की यह धरोहर 1993 में यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में भी शामिल है। यह मकबरा। यह मकबरा भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में निर्मित पहला उद्यान मकबरा है। हुमायु का मकबरा निजामुद्दीन के पूर्वी हिस्से में बना हुआ है। हुमायु के मकबरे के करीब जोर बाघ मेट्रो स्टेशन है।

 

  1. इंडिया गेट/ India Gate:-

इंडिया गेट दिल्ली और देश का सबसे प्रसिद्ध स्मारक है। इंडिया गेट बहुत ही सुन्दर तथा आकर्षक इमारत है जिसका निर्माण एडविन लुटियन ने किया था। यह शानदार इमारत सन 1921 में बनना शुरू हुई और सन 1931 में बनकर तैयार हो गई। इस इमारत को प्रथम विश्व युद्ध और तृतीय एंग्लो – अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों की याद में बनाया गया था। इन दोनों विश्व युद्ध में करीब 82,000 सैनिक शहीद हुए थे। इंडिया गेट पर करीब 13,300 भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों के नाम गुदे हुए हैं। इंडिया गेट का सबसे महत्वपुर्ण हिस्सा अमर जवान ज्योति है, जिसे 1971 में बांगलादेश आज़ादी युद्ध के बाद स्थापित किया गया है। अमर जवान ज्योति हर वक़्त जलता रहता है और यह भारत के अमर सैनिकों का प्रतिक है। इंडिया गेट के राजपथ पर हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड होती है, जिसमे देश की शक्ति का प्रदर्शन होता है। इंडिया गेट के करीब खान मार्किट, मंडी हाउस और जनपथ मेट्रो स्टेशन है।

 

  1. नेहरू तारा मंडल और तीन मूर्ति भवन/ Nehru Planetarium and Teen Murti Bhavan:-

1930 में रॉबर्ट टोर रसेल ने इन तीन मूर्ति भवन का निर्माण किया था, जिसे आज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निवास्थान में परिवर्तित कर दिया गया। 1964 में उनकी मृत्यु के बाद इस स्थान को संग्राहलय में तब्दील कर दिया गया। इस भवन में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू सेजुड़ी कई सारी चीज़े उपलब्ध है। यह ईमारत बहुत ही सुंदर और शानदार इमारत है। इसी भवन में तीन सैनिकों की प्रतिमा है, जिस कारण इस सदन का नाम तीन मूर्ति भवन रख दिया गया। यही एक जवारलाल नेहरू तारा मंडल भी है, जो विज्ञान में विशेष रूच रखने के लिए आकर्षित स्थान है। यह स्थान दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित है। लोक कल्याण मार्ग, उद्योग भवन और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन तीन मूर्ति भवन के नज़दीक है।

 

  1. आधुनिक कला की राष्ट्रीय गैलरी/ National Gallery of Modern Art (NGMA):-

आधुनिक कला की राष्ट्रीय गैलरी 29 मार्च 1954 में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था। इस गैलेरी में सन 1850 तक की शानदार पेंटिंग है। यहाँ की सभी कलाकृतियों के साथ यह इमारत भी अद्भुत है। इस शानदार गैलरी में कारण 14,000 आकर्षक कलाकृतियों को रखा गया है। यह गैलरी कलाकृति प्रेमियों के लिए ख़ास आकर्षण का हमेशा से ही केंद्र रहा है। आधुनिक कला की राष्ट्रीय गैलरी के पास खान मार्किट, प्रगति मैदान और मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन है।

  1. गुरुद्वारा बंगला साहिब/ Gurudwara Bangala Sahib:-

हनुमान सड़क, कनॉट प्लेस में उपस्थित बहुत ही खूबसूरत और शानदार सिक्खों का पवित्र धार्मिक स्थल गुरुद्वारा बंगला साहिब है। इस गुरूद्वारे का निर्माण 1783 में सिख जनरल सरदार भागल सिंह द्वारा करवाया गया था। आध्यात्म का यह केंद्र दिल को तृप्त करता है और मन को मोह लेता है। इस गुरूद्वारे में पवित्र पानी का एक स्रोत है जिसे सरोवर कहा जाता है। यहां हर धर्म का व्यक्ति जा के सकता है। गुरूद्वारे में हर व्यक्ति एक सामान होता है और यहाँ भी, न कोई अमीर न कोई गरीब। गुरुद्वारा बांग्ला साहिब के नज़दीक एलआईसी शिवजी स्टेडियम, पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन है।

 

  1. इंद्रप्रस्थ मैदान/ Indraprasth Park:-

 

सन 2004 में बना इंद्रप्रस्थ मैदान प्रकृति प्रेमिओं के लिए एक ख़ास अड्डा है। बहुत ही खूबसूरत, अद्भुत, शानदार और शांत जगह बहुत ही आकर्षक है। यह स्थान दिल्ली के लोगों के लिए बहुत ही पसंदीदा स्थानों में से एक है। इंसदरप्रस्त मैदान में शांति सपूत, एम्पीथियटर, चिल्ड्रन पार्क और फ़ूड कोर्ट के साथ अन्य कई चीज़ें हैं। इन्द्रप्रस्त मैदान के करीब इन्द्रप्रस्त, सराय कालें खां मेट्रो स्टेशन उपलब्ध है।

 

  1. जमा मस्जिद/ Jama Masjid:-

लाल क़िला के ठीक सामने बनी जामा मस्जिद देश का सबसे बड़ी मस्जिद है। इसका निर्माण पांचवे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने नमाज़ पढ़ने के लिए बनवाया था। जमा मस्जिद का निर्माण 1556 में पूरा कर लिया गया था। जमा मस्जिद में एक बार में करीब 25,000 नमाज़ी साथ में नमाज़ पढ़ सकते है। जमा मस्जिद चांदनी चौक इलाके में स्थित है। हर साल देश से लाखों लोग इसे देखने आतें है। जमा मस्जिद में हर धर्म के लोग आ सकते है, केवल नमाज़ के वक़्त गैर – मुस्लिम मस्जिद परिसर में नहीं रह सकते हैँ। जमा मस्जिद में 3 दरवाज़े है, जिसमे सामने  दरवाज़ा मुख्य दरवाज़ा है। जमा मस्जिद के सामने प्रतिदिन मार्किट लगती है जिसका नाम मीना बाजार है। जमा मस्जिद के पास जमा मस्जिद, लाल क़िला और चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन है।

 

  1. क़ुतुब मीनार/ Qutub Minar:-

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित क़ुतुब मीनार देश के साथ दुनिया की सबसे ऊंची ईट से बानी मीनार है। क़ुतुब मीनार की लम्बाई करीब 73 मीटर है। क़ुतुब मीनार का निर्माण वैसे तो कई अलग – अलग चरणों में हुआ पर इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य सन 1192 में पूरा हुआ। इसका निर्माण क़ुतुब – दीन – ऐबक ने करवाया था। यह पुरानी होने की वजह से कमज़ोर हो चुकी है और इसका कुछ हिस्सा टूट भी चूका है। क़ुतुब मीनार महरोली क्षेत्र में स्थित है। क़ुतुब मीनार भी यूनेस्को के विश्व धरोहरों की लिस्ट में शामिल है। देश और दुनिया के कई लोग यहाँ पिकनिक मानाने आतें है। क़ुतुब मीनार के पास एक लोहे का खंबा भी स्थित है, जो विज्ञानं के लिए हमेशा ही पहेली बामी हुई है। दरअसल इस लोहे के खंबे पर 830 साल में आज तक जंग नहीं लगी है। क़ुतुब मीनार के करीब मीनार, साकेत और मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन है।

 

  1. प्रगति मैदान/ Pragati Maidan:-

प्रगति मैदान दुनियाभर में प्रशिद्ध है। यहाँ हर वर्ष 70 के करीब मेले लगते है, जिसमे लाखों लोग शिरकत करते है। प्रगति मैदान इतना बड़ा है की कोई भी इसे एक दिन में पूरा नहीं घूम सकता। प्रगति मैदान में कई सारे छोटे – बड़े प्रदर्शनी हॉल है। प्रगति मैदान में फाइव स्टार होटल भी बनने वाला है। प्रगति मैदान में हर वर्ष नवंबर माह में अंतर्राष्ट्रीय व्यापर मेला होता है, जिसको देखने के लिए लाखों  लोग देश – विदेश से आतें है। यहाँ अन्य मेले और एक्सपो भी लगते है। एक आकड़े के मुताबिक यहाँ हर वर्ष करीब 30,00,000 लोग शामिल होतें है। प्रगति मैदान दिल्ली के मथुरा रोड़ पर स्थित है। प्रगति मैदान के करीब प्रगति मैदान, इन्द्रप्रस्त और मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन है।

 

  1. राजघाट/ Rajghat:-

भारत के राष्ट्रीय पिता महात्मा गाँधी, मोहन दास करमचंद गांधी, की समाधि स्थल को राजघाट नाम दिया गया है। राजघाट बहुत ही शांत और हरियाली से भरपूर क्षेत्र है। यहाँ हर साल लाखों लोग पर्यटक बनकर आतें हैं और गांधी जी को नमन करते है। राजघाट के करीब ही महात्मा गाँधी संग्रहालय है। संग्रहालय में गांधी जी से जुड़ी कई साड़ी चीज़े है। इसमें गाँधी जी की कई सारी ऐतिहासिक तस्वीरें है। इस संग्रहालय में वह गाडी भी है, जिसमे गाँधी जी का पार्थिक शरीर रख कर अंतिम यात्रा पर ले जाया जा रहा था। राजघाट बहुत ही शांत क्षेत्र है। राजघाट यमुना किनारे स्थित है और लाल क़िले के पीछे स्थित है। राजघाट के करीब दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन है।

 

  1. चांदनी चौक/ Chandni Chowk:-

चांदनी चौक देश की सबसे पुरानी मार्किटों में से एक है। चांदनी चौक को मुग़ल कल में बहुत ख़ास हिस्सा था। इसका निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने किया था और यह क्षेत्र तब से अब तक चला आ रहा है। यहां कई सारी ऐतिहासिक दुकाने, मकाने, कारोबार, व्यवसाई आदि है। चांदनी चौक की गालियां और क्षेत्र अभी भी अंग्रेज़ों के ज़माने का है। यहां कई सारी ऐतिहासिक दुकाने, मकाने, कारोबार, व्यवसाई आदि है। चांदनी चौक में रोज लाखों  लोग और कारोबारी रोज़ सामान का व्यापर करने आते है। यहाँ पर सामान के साथ खाने – पीने की भी चीज़े बहुत अच्छी और टेस्टी होती है। जैसे दिल्ली का दिल कनॉट प्लेस को कहा जाता है और उसी तरह पुरानी दिल्ली का दिल चांदनी चौक को कहा जाता है। यहाँ बहुत ट्रैफिक होता है। चांदनी चौक के करीब चांदनी चौक, चौड़ी बाजार, जमा मस्जिद और लाल क़िला मेट्रो स्टेशन है।

 

 

दिल्ली में इसके अलावा और भी कई सारे पर्यटक स्थल है। दिल्ली में अन्य पर्यटक स्थल जैसे मुग़ल गार्डन, इस्कॉन टेम्पल, लोधी गार्डन और हौज ख़ास गाओं है। इसके अलावा दिल्ली में कई सारे मॉल्स, सिनेमा हॉल, बाजार, मार्किट, पार्क और मकबरे जैसे कई पर्यटक स्थल है।