घुटने, कंधे, कमर व सर के तेज़ दर्द से छुटकारा पाने के रामबाण
तरीके, व गठिया रोग का इलाज।
भारत में हर 10 में से 4 व्यक्तियों को हड्डियों से जुड़ी समस्याएं है। जिसमे सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोग भी शामिल है। कम उम्र में अर्थराइटिस के शिकार हुए लोगों के लिए योग द्वारा इलाज
सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है, जहा एक ओर गर्मी से राहत मिलेगी। वहीँ अर्थराइटिस के मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। ठंडी हवाओं का सीधा असर हड्डियों में पड़ता है। जिसके कारण उनमें दर्द और सूजन की शिकायत बढ़ने लगती है। भारत में हर 10 में से 4 व्यक्ति हड्डिओं से जुडी समस्या से परेशान है। जिसमे सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोग भी अर्थराइटिस के शिकार हो रहे है। इस समस्या से निजात पाने के लिए हम किस तरह के उपाय या ट्रांसप्लांट कराते है। लेकिन अगर आप चाहे तो योग, प्रणायाम और एक्सूप्रेशर पॉइंट्स को दबाकर इस समस्या को जड़ से ख़त्म कर सकते हैं।
हड्डियाँ कमजोर हो जाने के कारण लोगो को जोड़ो में दर्द, जकड़न, चलने-फिरने और बैठने आदि में समस्या होने लगती है। इतना ज्यादा असहनीय दर्द होता है की हर कोई सहन नहीं कर पाता है।
ऐसे में आप चाहे तो योगासन और प्राणायाम की मदद ले सकते है। इससे आपको जल्द ही राहत मिल जाएगी। कई लोग योगासन नहीं कर पाते। ऐसे में वह सिर्फ सूक्ष्म व्यायाम के साथ प्रामायम करें। इससे उनको अधिक लाभ मिलेगा।
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अर्थराइटिस के लक्षण अर्थराइटिस से निजात पाने के लिए करें ये प्राणायाम :
- घुटनो में सूजन
- स्किन का लाल होना
- जॉइंटस में दर्द
- हैरिडिटी की वजह
- जोड़ो में दर्द
कपालभाति :
इस प्रणय को 5 से 10 मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। कफ, सर्दी, जुकाम, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कैंसर, टीबी, हाइपरटैंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज सहित कई बीमारियों से दिलाए निजात।
भस्त्रिका :
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में साँस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड बाद छोड़े। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जायें। अब दांए हाथ की अनामिका और सबसे छोटी ऊँगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अँगूठे को दांए वाले नाक पर लगाएं। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बांए नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दांए नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
उद्गीथ प्राणायाम :
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से ‘ऊँ’ के उच्चारण करते है। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, माइग्रेन, धातु रोग, उच्च रक्तचाप जैसे रोगों से निजात मिलता है।
भ्रामरी प्राणायाम:
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते है। सांस भरकर पहले अपनी उँगलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उँगलियों से आँखो को बंद करते है, अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुँह को बंदकर ‘ऊँ’ का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
अर्थराइटिस से निजात पाने के लिए करे ये योगासन सूक्ष्म व्यायाम :
- शरीर में होने वाले दर्द से दियाए राहत
- शरीर में थकान नहीं होती
- ऊर्जा, स्फूर्ति को बढ़ाए
- शरीर में होने वाले दर्द को करे कम
- बॉडी को करे एक्टिव
मकरासन :
- वजन कम करने में कारगर
- एसिडिटी में फायदेमंद
- शरीर को आराम दे
- थकान को करे कम
- माइग्रेन के दर्द से दे राहत
भुजंगासन :
- फेफड़ों को ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाए
- फेफड़ों, कंधों और सीने को करे स्ट्रेच
- गर्दन की मांसपेशियों में करें खिंचाव
- शरीर की थकावट दूर करें
मर्कटासन :
- पेट, पीठ, को करें मजबूत
- पीठ का दर्द करे ख़त्म
- गैस और कब्ज से राहत दिलाए
- सर्वाइकल, पेट दर्द, गैस्ट्रिक को सक्रीय करें
- पेट संबंधी समस्याओं में कारगर
शलभासन :
- वजन कम करने में कारगर
- पेट की परेशानी करे कम
- गैस की समस्या में कारगर
- जोड़ो के दर्द को करे कम
उत्तानपादासन :
- बदलते मौसम में रोगों से करे बचाव
- पेट और पैर के मसल्स को बनाये मजबूत
- शरीर को सूंदर और सुडौल बनाए
- मोटापा कम करने में सहायक
पवनमुक्तासन :
- एसिडिटी की समस्या में कारगर
- कमर दर्द से दिलाए निजात
- सिरदर्द करे काम
- शरीर में करे खिंचाव
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- पाचन शक्ति को रखें ठीक
- वजन कम करने में करे मदद
- शरीर का करे खिंचाव
- सिरदर्द से दिलाय निजात
- जोड़ो के दर्द को करे कम
अर्थराइटिस से निजात पाने के एक्यूप्रेसर पॉइंट :
- शरीर के कुछ एक्यूप्रेसर पॉइंटस दबाने से काफी हद तक गठिया रोग में फायदा होता है। हाथो के ऊपर के सभी चैनलों के दबाने से लाभ मिलेगा।
- अंगूठे और उसके बगल की अंगुली के बीच दबाने से लाभ मिलेगा।
- अंगूठे के निचे के भाग को दबाएं