व्यायाम के लाभ
भूमिका:- शरीर स्वस्थ रहे तो मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना बहुत अति – आवश्यक है। तन स्वस्थ रहने पर मन भी शांत रहता हैं और मन शांत रहे तो हमारा मस्तिस्क और तेजी से चलता है और सही तरह से हमारी मदद भी करता है और हमें आनंद भी देता है।
व्यायाम:- व्यायाम का अर्थ है – योग करना, भागना – दौड़ना, कसरत करना, शरीर का ख्याल रखना और नाचना आदि व्यायाम में आते हैं। व्यायाम में हमें अपने शरीर के सभी अंगों को हिला – डुलाना होता हैं।
आपके लिए व्यायाम;- व्यक्तियों को अपने शरीरानुसार अपने व्यायाम की चयन करना चाहिए। व्यक्ति को अपने शरीर के आकर, वज़न और क्षमता के अनुसार ही व्यायाम करना चाहिए। और अगर आप नए हैं तो आपको पहले दिन थोड़ा ही व्यायाम करना, फिर आपको प्रति
दिन थोड़ा – थोड़ा अपनी क्षमता बढ़ानी होगी और फिर आप देख सकेंगे की आपको व्यायाम करने में कोई भी समस्या नहीं होगी। और आपके शरीर की क्षमता बढ़ है हैं।
व्यायाम और जीवन:- व्यायाम और शरीर एक दूसरे के पक्के मित्र के भांति है क्यूंकि अगर हम व्यायाम नहीं करेंगे तो हमारा शरीर कमजोर रहेगा और कमजोर शरीर ही बिमारियों का निवास होती हैं। हमें सुबह जल्दी उठकर हमारे शरीर की क्षमता के हिसाब से योग और व्यायाम करना चाहिए जिससे हमारा तन और मन दोनों खुश रहता हैं।व्यायाम और योग हर उम्र के व्यक्ति को करना चाहिए चाहे वो 10 साल का बच्चा हो या 80 वर्षीया बुज़ुर्ग।
आज के समय में हर परिवार में एक न एक तो स्मार्टफ़ोन होता ही हैं जिसमे छोटे बच्चे ज़्यादातर गेम खेलने में लगे रहते हैं जिसके कारण बच्चें अब बाहर खेलने बहुत कब या फिर बिलकुल जाते ही नहीं हैं जिस कारण बच्चों का दिमाग और स्वास्थ दोनों ही कमजोर होता जा रहा हैं। और बड़े भी अब हमेशा स्मार्टफ़ोन में दिन – रात, खाते – पीते, हस्ते – रोते और सोते – जागते घुसे रहते हैं जिस कारन ज़्यादातर छात्र, और युवा वर्ग आँखों की बिमारी से जूझ रहें हैं और डिप्रेशन जैसी समस्या का भी शिकार बन रहे हैं। लोग अब अपनी स्वास्थ का ध्यान बहुत काम रख रहे हैं और बाहर का उल्टा – फूलटा खाना खा रहें हैं और अपने पेट को कमजोर कर रहें हैं। व्यक्ति को अपने स्वास्थ, शरीर और अपने जीवन का ख्याल रखना बहुत जरुरी हैं वरना जान भी जा सकती या फिर किसी और समस्या का सामना करना पड सकता है।
उपसंहार:- व्यक्ति को व्यायाम का महत्व समझना चाहिए और बचपन से ही स्वास्थ के महत्वा को समझके और स्वास्थ को अपने जीवन का एक मूल मंत्र बना देना चाहिए। व्यक्ति को बचपन से ही व्यायाम और योग करना चाहिए और स्वास्थ को ठीक रखना चाहिए। और बच्चों को तो दिन भर मैदानों और पार्कों में उधम मचाना और मस्ती करना चाहिए क्यूंकि इसके बिना छोटे बच्चों का जीवन बिलकुल अधूरा है। व्यक्ति को व्यायाम के लिए तथा खेल के लिए कभी भी छोड़ना चाहिए और हमेशा प्रोत्साहित हो कर व्यायाम, योग और खेल खेलने चाहिए। और ‘योगा से ही होगा’ को अपने जीवन का मूल – मंत्र बना लेना चाहिए और अगर आपको व्यायाम या योग करने नहीं आता तो आपको धीरे – धीरे शुरुआत करनी होगी।