Essay on Cricket in 300 words in Hindi

Essay on Cricket in 300 words in Hindi

 

मेरा प्रिय खेलक्रिकेट

वैसे तो दुनिया में और भी खेल हैं पर क्रिकेट मेरा सबसे मनपसंद खेल है जो मुझमें हर वक़्त जोश एवं उत्साह भरता है और मैं ये खेल बिना थके और बिना रुके दिन भर खेल सकता हूँ। मुझे क्रिकेट का खेल देखने में भी बहुत आनंद आता है और जब भारत-पाकिस्तान का खेल हो तोह टीवी से नज़र तो हटती ही नहीं। क्रिकेट इंग्लैंड का राष्ट्रिय खेल है और हॉकी भारत का राष्ट्रिय खेल है पर क्रिकेट के सबसे ज़्यादा चाहने वाले भारत में ही रहते हैं।क्रिकेट खेलने से मनुष्य का शरीर और साथ ही साथ स्वस्थ्य  भी रहता है। क्रिकेट की शुरुआत इंग्लैंड में 16वी शताब्दी में हुई  और अंग्रेज़ो के पूरे विश्व में फैलाव के साथ ही क्रिकेट पूरी दुनिया में फैलता चला गया और आज पूरी दुनिया इस खेल को बड़े मज़े से खेलती है और इस खेल का लुप्त है कभी घर में बेठ टीवी पर देखते – देखते तो कभी स्टेडियम में सामने क्रिकेट के खिलाड़िओं को देखते – देखते। क्रिकेट खेल के लिए सबसे ज़्यादा जरूरी है बल्ला एवं गेंद और साथ ही साथ दो एवं खिलाडी, जो इस खेल को आगे बढ़ाए। क्रिकेट में एक वक़्त पर दों दल एक साथ खेलती है और एक दल में 11 खिलाडी होतें  हैं और उन ग्यारह खिलाड़िओ में से कोई एक दल  का कप्तान होता है और उसी तरह दूसरे दल  में भी एक कप्तान होता है और कप्तान का काम होता है दल ली नीति तय करना। अन्य खेलो की तरह क्रिकेट खेल में भी अंपायर होते है, जो मखेल में निष्पक्ष फैसला करते है। क्रिकेट खेल में बल्लेबाजी कर रहे खिलाडी को  दौड़(रन) अर्जित करने पड़ते है और दौड़ अर्जित खिलाडी क्रिकेट खेल कर, पिच पर भाग कर, गेंद को सीमा रेखा पार कर दौड़ अर्जित कर सकते हैं और नियमित ओवर ख़तम होने के बाद पहले दल के जितने भी दौड़ बनते है दूसरे दल को जितने के लिए उससे एक ज़्यादा दौड़ अर्जित करने पड़ते हैं अन्यथा दूसरा दल वह खेल विजय कर लेता हैं।