प्रदोष व्रत 2021 बुधवार को है प्रदोष व्रत इस शुभ मुहूर्त में करे उधापन जाने तरीका व सपूण व्रत कथा

प्रदोष व्रत 2021 बुधवार को है प्रदोष व्रत इस शुभ मुहूर्त में करे उधापन जाने तरीका सपूण व्रत कथा

प्रदोष व्रत 24 फ़रवरी (बुधवार ) को रखा जाएगा बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहते है प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है मान्यत है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना व व्रत रखने से भक्त की सभी मनोकामनाए पूण होती है जीवन में खुशहाली आती है

बुध प्रदोष व्रत कथा बुध प्रदोष व्रत कथा के अनुसार एक पुरुष का नया-नया विवहा हुआ विवाह के 2 दिनों बाद उसकी पत्नी मायके चली गई कुछ दिनों के बाद वह पुरुष पत्नी को लेना उसके यहाँ गया बुधवार को जब वह पत्नी के साथ लौटने लगा तो ससुराल वालो ने उसे रोकने का प्रयत्न किया कि विदाई के लिए बुधवार शुभ नही होता लेकिन वह नही माना और पत्नी के साथ चल पड़ा नगर के बहार पहुंचने  पर पत्नी को प्यास लगी पुरुष लोटा लेकर पानी की तलाश में चल पड़ा पत्नी एक पेड़ के नीचे बैट गई तोड़ी देर बाद पुरुष पानी लेकर वापस लोटा तब उसने देखा की उसकी पत्नी किसी के साथ हंस-हंसकर बातें कर रही है और उसके लोटे से पानी पी रही है उसको कोध आ गया /

नवह निकट पहुंचा तो उसके आस्चर्य का कोई ठिकाना न रहा कयोकि उस आदमी की सूरत उसी की भांति थी पत्नी भी सोच में पड गई दोनों पुरुष झगड़ने  लगे भीड़ इक्क्ठी हो गई सिपाही आ गए हमसकल  आदमियों को देख वे भी अस्चर्य में पड़ गए उन्होने स्त्री से पूछा उसका पति कौन है वह पुरुष संकर भगवान से प्रार्थना करने लगा है भगवान हमारी रक्छा  करे मुझसे बड़ी भूल हुई कि मैंने सास-ससुर की बात नहीं मानी और बुधवार को पत्नी को विदा करा लिया में भविषय में ऐसा कदापि नही करूँगा /

जैसे ही उसकी प्रार्थना पूरी हुई दूसरा पुरुष अंतध्र्या हो गया पति-पत्नी सकुशल अपने घर पहुंच गए उस दिन के बाद से पति-पत्नी नियमपूर्वक बुध वार प्रदोष का व्रत रखने लगे /

प्रदोष व्रत के उध्यापन का तरीका

1 प्रदोष व्रत को ग्यारह या फिर 26 त्रयोदशीयो  तक रखने के बाद व्रत का उद्पन त्रयोदशी तिथी पर ही करना चाहिए /

2 प्रदोष व्रत के उदापन से एक दिन पूर्व श्री गणेश का पूजन किया जाता है /

3 पूर्व रात्रि में कीर्तन-भजन करते हुए जागरण  किया जाता है /

4 इसके बाद ऊ  उमा सहित शिवाय नम मंत्र का एक माला यानि 108 बार जाप करते हुए हवन किया जाता है /

5 प्रदोष व्रत उदापन  के  हवन में आहुती के लिए खीर का प्रयोग किया जाता है /

6 हवन पूरा होने के बाद भगवान शिव की आरती की जानी चाहिए /

7 इसके बाद पंडितो को भोजन कराकर समर्थ अनुसार दान दी जाती है /

24 फ़रवरी 2021 दिन बुधवार

शाम 6:5 मिनट पर

समाप्त :25 फ़रवरी को शाम 5 :18 मिनट पर /