BPSC Auditor Recruitment 2020

  BPSC Auditor Recruitment 2020   Bihar Public Service Commission (BPSC) Recruitment 2020 on 373 Vacancy Post for Auditor (Bihar Panchayat Audit Service). Bihar Public Service Commission (BPSC) has Announced a Notification To Filling up Read More

Baal Diwas Article

Baal Diwas Article बाल दिवस    पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 में हुआ। पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था जिसकी वजह से 14 नवंबर को हम राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में जानते हैं। बाल दिवस को राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। भारत में बच्चे पंडित जवाहरलाल नेहरू को चाचा नेहरू के नाम से भी जानते है। बाल दिवस को विश्व स्तर पर भी मनाया जाता है। विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। विश्व बाल दिवस की शुरुआत 1 जून, 1950 में विमेंस इंटरनेशनल डेमोक्रेटिक फेडेरशन ने की थी।   क्यों मनाया जाता है बाल दिवस:- बच्चों के अधिकारों के हनन को रोकने के लिए, बच्चों की कम से कम प्राथमिक शिक्षा के लिए, बच्चों की सुरक्षा के लिए आदि बच्चों के हित के लिए बाल दिवस को मनाया जाता है। विश्व स्तर पर बाल दिवस मानाने का पहला प्रस्ताव श्री वी कृष्णन मेनन ने दिया था जिसके बाद पहली बार अक्टूबर में बाल दिवस मनाया गया। फिर जब संयुक्त राष्ट्र से प्रस्ताव पारित हुआ तब से विश्व बाल दिवस 20 अक्टूबर को विश्व भर में मनाया जाता है। बाल दिवस कैसे मनाया जाता हैं?:- बाल दिवस को भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विद्द्यालय में बहुत सारे कार्यक्रम होतें हैं। विध्यार्तीयों के साथ शिक्षक भी इस दिन छोटे बच्चें बन कर खूब मस्ती करतें हैं। अपनी – अपनी प्रस्तुति पेश करतें हैं। राष्ट्रीय बाल दिवस के दिन देश के राष्ट्रपति, उप – राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, तथा अन्य मंत्री और ख़ास लोग पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की समाधी शांतिवन पर जा कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करतें हैं। इस दिन विद्द्यालयों के अलावा भी कई जगह पर कार्यकर्म होतें हैं। इस दिन वीर, साहसी, और सर्वश्रेष्ठ बच्चों को इस दिन पुरुस्कृत किया जाता है और खूब सम्मान किया जाता है।   बाल दिवस के लिए कविता:- आता हैं हर वर्ष ये पल झूमे नाचे बच्चे संग-संग Read More

दीपावली 2020 की कथा, शुभी मुहरत, महत्व, पूजा विधि और महत्व।

    दीपावली 2020 की कथा, शुभी मुहरत, महत्व, पूजा विधि और महत्व।   दीपाली हिन्दुओं का सबसे महत्व पूर्ण त्यौहार है। दिवाली कार्तिक मॉस के कृष्णन पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दिवाली पुरे भारत में बड़े उल्लास और भाईचारे के साथ मनाया जाता है। दिवाली कुछ दिन पहले से ही लोग घर की साफ़ – सफाई में जुट जातें है। घर की पुताई भी कई लोग इसी समय करवाते हैं। दीपावली पर लोगों का उत्साह चरम पर होता है, लोग अपने रिश्तेदारों को मिठाइयां, उपहार आदि बांटते हैं और अपने दुश्मन के भी गले लगतें हैं। दीपावली भारत के इतिहास से जुड़ा हुआ है क्यूंकि इस दिन अयोध्या के महाराज श्री राम जी 14 वर्षो का वनवास काट के वापस लौट कर अयोध्या आये थें। जिससे खुश हो कर अयोध्या वासियों ने नगर में रौशनी करने के लिए घी के दिएं जलाए थें। और श्री राम के घर वापसी के इस दिन को दीपावली के नाम से जाना जाता है अर्थात दीपों का त्यौहार। दीपावली के दिन भगवन गणेश और लक्ष्मी जी के साथ – साथ कुबेर जी की भी पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वीं  पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।   दीपावली की पूजा विधि:- दीपावलीकेदिन शाम में स्नान कर के साफ़ कपडे पहने। इसकेबादएक चौकी को गंगा जल से साफ़ करके पवित्र कर दें और उस पर भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा धारण करें। प्रतिमाधारणकरने के बाद एक कलश भी स्थापित करें और उस पर स्वस्तिक बनाएं मौली से पांच गाठ बांधे। इसके बाद उस पर आम के पत्ते रखें। फिरभगवानगणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा के पांच मेवा, गुड़ फूल, मिठाई, घी, कमल का फूल, खील और बतासे आदि रखें और तेल या फाई घी के दिए जलाएं। इसकेबादआप अपने पैसे, धन, गहने, बहीखाते आदि भगवन गणेश और माता लक्ष्मी के आगे रखें। औरअबभगवन गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें और माता लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें। इसदिनश्री सुक्ता का पाठ करना बहुत शुभ माना गया है। तो यह पठ भी अवस्य करें। भगवनगणेशऔर माता लक्ष्मी की आरती उतारें। आखिरमेंभगवान गणेश और माता लक्ष्मी को मिठाई का भोग लगाएं। Read More

त्योहारों के इस भीड़ वाले सीजन में रेलवे ने की बिहार से 17 नै ट्रैन चलने की तैयारी

  त्योहारों के इस भीड़ वाले सीजन में रेलवे ने की बिहार से 17 नै ट्रैन चलने की तैयारी यह महीना त्योहारों से भरा हुआ है और साथ ही साथ रेलवे के लिए भी भीड़ Read More