Chaitra Navratri 2021: नवरात्रि के पहले दिन इन शुभ योग में करें घटस्थापना, नोट कर लें समय, सामग्री व विधि !
चैत्र नवरात्रि को शुरू होने में कुछ दिन बाकी हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि नौ दिनों तक मां दुर्गा धरती पर रहती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। यूं तो हर साल चार नवरात्रि आते हैं, जिसमें चैत्र व शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि शामिल हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि के प्रतिपदा यानी पहले दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन विष्कुंभ व प्रीति योग बनने से इसका महत्व और बढ़ रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन योगों को बेहद शुभ माना जाता है। जानिए नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त व विधि-
हिन्दू पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल 2021, मंगलवार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि है। इस दिन विष्कुम्भ योग दोपहर 03 बजकर 16 मिनट तक, उसके बाद प्रीति योग लग जाएगा। करण बव सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक, बाद बालव रात 11 बजकर 31 मिनट तक, बाद कौलव। इस दिन चंद्रमा मेष राशि पर संचार करेगा।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त–
दिन- मंगलवार
तिथि- 13.04.2021
शुभ मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक।
अवधि- 04 घंटे 15 मिनट
चैत्र नवरात्रि 2021 के पहले दिन बन रहे ये शुभ योग–
विष्कुम्भ योग – 12 अप्रैल की दोपहर 02 बजकर 27 मिनट से 13 अप्रैल की दोपहर 03 बजकर 16 मिनट तक।
प्रीति योग- 13 अप्रैल की दोपहर 03 बजकर 16 मिनट से 14 अप्रैल की शाम 04 बजकर 15 मिनट तक।
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना के लिए पूजन सामग्री–
चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन, कलश, सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज), पवित्र स्थान की मिट्टी, जल (संभव हो तो गंगाजल), कलावा/मौली, आम या अशोक के पत्ते (पल्लव), छिलके/जटा वाला, नारियल, सुपारी, अक्षत (कच्चा साबुत चावल), पुष्प और पुष्पमाला, लाल कपड़ा, मिठाई, सिंदूर, दूर्वा इत्यादि।
नवरात्रि घटस्थापना पूजा विधि–
1-सबसे मिट्टी को चौड़े मुंह वाले बर्तन में रखें और उसमें सप्तधान्य बोएं।
2-अब उसके ऊपर कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग (गर्दन) में कलावा बांधें।
3-आम या अशोक के पत्तों को कलश के ऊपर रखें।
4-नारियल में कलावा लपेटे।
5-उसके बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पत्तों के मध्य रखें।
6-घटस्थापना पूरी होने के पश्चात् मां दुर्गा का आह्वान करते हैं।
नवरात्री के दूसरे दिन के अध्याय के पाठ