Gupt Navrati will start on 11 july 2021 गुप्त नवरात्रि में मातारानी को खुश करने के 9 उपाय 1 भी कर लिया तो मिलेगा मनचाहा वरदान-11 से 18 जुलाई
Gupt Navrati will start on 11 to 18 july 202
गुप्त नवरात्रि की कथा सुनने से मातारानी खुद पूरा करेगी आपके जीवन का हर सपना जो चाहोगे मिलेगा सबकुछ 11 जुलाई 2021 से 18 जुलाई 2021 तक गुप्त नवरात्रि 2021 date,.gupt navratri 2021, gupt navratri ashadh, gupt navratri 2021, navratri 2020,.gupt navratri kab hai,
11 जुलाई गुप्त नवरात्रि 2021 गुप्त नवरात्रि जून 2021 acharya guruji 11 जुलाई 2021 रविवार से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है जो की 18 जुलाई 2021 रविवार भड़ली नवमी को पूर्ण होगी इस नवरात्रि में विशेष प्रकार की इच्छापूर्ति और सिद्धि पाने के लिए पूजा एव अनुष्ठान किए जाते है
पुरे एक साल में आदि शक्ति माँ भगवती की पूजा-अर्चना के लिए चार नवरात्रि आती है जिनमे दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि होती है चैत्र और अश्विन माह की नवरात्रि प्रकट नवरात्रि बड़ी या फिर प्रकट नवरात्रि कही जाती है आषाढ़ और माघ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जानते है गुप्त नवरात्रि का पर्व तंत्र साधना के लिए महत्पूर्ण माना गया है ऐसा माना जाता है किजब भगवत विष्णु शयनकाल की अवधि के बिच रहते है तब देवताओ की शक्तियाँ कमजोर पड़ने लगती है और पृथ्वी पर वरुण यम आदि का प्रकोप बढ़ने लग जाता है इन विपदाओं से बचने के लिए ही गुप्त नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा की जाती है इन दिनों में देवी दुर्गा की पूजा करने से बहुत लाभ भी मिलता है भक्त जन किसी खास मनोकामना की प्रप्ति के लिए तंत्र साधना और अनेक उपाय करते हुआ देवी को प्रसन्न करने की कोशिश करते है इस दौरान दुर्गा सप्तशी पाठ दुर्गा चालीसा और दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ करना काफी फलदायी माना गया है गुप्त नवरात्रि में प्रलय व् संहार के देवता कहे जाने वाले महादेव और माँ काली की पूजा करने का विधान है
गुप्त नवरात्रिमें निमलिखत 10 देवियाँ की पूजा की जाती है माँ काली माँ तारा,भुनेश्वरी माता त्रिपुर सुंदरी छिन माता बंगलामुखी देवी कमला देवी त्रिपुरभैरवी धूमावती माँ मातंगी भगवत पुराण के अनुसार साल में आने वाली 2 गुप्त नवरात्रिमें 10 महिविधाओ की साधना की जाती है यह नवरात्रि विश्षतौर पर तंत्रिक कियाए शक्ति साधनाए महाकाल आदि से सबंध रखने वाले लोगो के लिए खास महत्व रखती है इस नवरात्रिमें देवी भगवती के भक्त कठिन नियमो का पालन करते हुआ व्रत और साधना करते है लोग इस दौरान लम्बी साधना कर के दुलर्भ शक्तियों को प्राप्त करने की कोशिश करते है अन्य नवरात्रिकी तरह ही गुप्त नवरात्रिम में भी व्रत पूजा-पाठ उपवास किया जाता है प्रतिपदा से नवमी तक उपवास रखा जाता है और सुबह-शाम पूजा की जाती है गुप्त नवरात्रि में नो दिनों के लिए आप कलश की स्थपना कर सकते है यदि कलशस्थपना की हुई है तो सुबह और शाम दोनों समय में अच्छे से स्नान करके साफ वस्त्र पहन ले अब माता की फल फूल धुप दिप आदि से विधिवत पूजा करे व् लाल रंग का फूल चढ़ावे इसके बाद माता की आरती करे इस दौरान मन्त्र जाप चालीसा या सप्तशती का पाठ करना काफी फलदायी मन गया है दोनों समय माँ को भोग भी लगाये।
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यदि आप साधारण तरीके से पूजा कर रहे है तो सबसे देवी के लिए उत्तम भोग है लॉन्ग और बताशा देवी के सामने एक बड़ा घी का एकमुखी दीपक हमेशा जलाकर रखे विशेष इस्कापूर्ति के लिए गुप्त नवरात्रि में सुबह और शाम माँ के ऊ ऐ ही क्लीं चामुंडाय विच्चे मन्त्र का 108 बार जाप जरूर करे पुरे नो दिन तक अपना खान-पैन सात्विक रखे नवरात्रि बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है सामान्य नवरात्रिमें आमतौर पर सात्विक व तंत्रिक दोनों पूजा की जाती है लेकिन गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तंत्रिक पूजा ही की जाती है इस नवरात्रिमें ज्यादा प्रचार-प्रसार न कर के अपनी साधना को होप्नीय रखा जाता है ऐसा मन जाता है की गुप्त नवरात्रि में पूजा और मोकामना को जितना ज्याद गोपनीय रखा जाये पूजा उतनी सफल होती है
गुप्त नवरात्रिकी कथा:--एक बार श्रृषि श्रंगी भक्तजनो से मिल कर उनकी पीड़ा सुन रहे और दर्शन दे रहे थे तभी अचानक भीड़ से एक महिला आई और उसने श्रृषि श्रंगी से कहा की मेरे पति हमेशा दुर्यसनों से घिरे रहते है और वे मासाहारी और जुआरी है जिसके चलते में कोई भी पूजा-पाठ भी नहीं कर पाती हु लेकिन में देवी दुर्गा की पूजा-भक्ति कर अपने और परिवार के जीवन में खुशियाँ लाना चाहती हु महिला के भक्तिभाव से श्रृषि श्रंगी बेहद प्रभवित हुए और उसे उपाय बट्टे हुए कहा की वसंत और शरदीय नवरात्रि के विषय में सभी जानते है लेकिन इसके आलावा 2 नवरात्रि और भी होते है जिन्हे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है प्रकट नवरत्रो में देवी के 9 रूपों की उपसना होती है लेकिन इसके आलावा 2 नवरात्रि और भी होते है जिन्हे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है प्रकट नवरात्रो में 10 महिविधाओ की साधना करते है यदि कोई भी भक्त गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा-साधना करे तो माँ उसके जीवन को सफल बना देती है श्रृषि श्रंगी ने कहा की यदि लोभी मसहरी और पूजा-पाठ न कर सकने वाला भी गुप्त नवरत्रो में माँ की आराधना करे तो उसे जीवन में खुशाली आती है और विशेष मनोकामना पूरी होती है लेकिन ध्यान रहे इस दौरान की जाने वाली पूजा का ज्यादा प्रचार प्रसार न हो श्रृषि श्रंगी की बात सुन स्त्री बहुत प्रस्सन हुई और उनके कथन अनुसार पूरी श्रद्धा भाव से गुप्त नवरात्रि की पूजा की उसके बाद उसकी सभी मनोकामनाए पूर्ण हो गई।
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