hariyali teej 2021 date and timing: करवा चौथ के व्रत से भी अधिक कठिन होता है हरियाली तीज पर्व का व्रत

hariyali teej 2021 date and timing: करवा चौथ के व्रत से भी अधिक कठिन होता है हरियाली तीज पर्व का व्रत

 

 

hariyali teej 2021 date and timing: हरियाली तीज के पर्व के मुताबिक इस पर्व के दिन सुहगिन महिलाए अपने पति लम्बी की उम्र के लिए व्रत रखती है खास बात यह है की महिलाए इस दिन अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है।

 

करवा चौथ की तरह हिन्दू धर्म में हरियाली तीज त्यौहार का विशेष महत्व है दिल्ली एनसीआर के साथ उत्तर भारत के कई ीज्यो में करोडो महिलाओ दवरा हर साल मनाए जाने वाले हरियाली तीज पर्व के व्रत को करवा चौथ के व्रत से भी कठिन मन जाता है इस पर्व में महिलाए दिनभर निर्जला व्रत रखती है और अगले दिन व्रत तोड़ती है इस वर्ष हरियाली तीज का त्यौहार आगामी 11 अगस्त को मनाया जाएगा हिन्दू धर्म की मान्यता और हरियाली तीज के पर्व के मुताबिक इस पर्व के दिन सुहगनि महिलाए अपने पति लम्बी की उम्र के लिए व्रत रखती है खास बात यह है की महिलाए अपने पति लम्बी की उम्र के लिए व्रत रखती है खास बात यह है की महिलाए इस दिन अपने अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है यानि की सुहागिने इस दिन पुरे व्रत के दौरान पानी तक नहीं पीती है ऐसे में इसे करवा चौथ के व्रत से भी कठिन मन जाता है व्रत रखने की कड़ी में इस रोज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है यहाँ पर यह बता देना जरुरी है कि हिन्दू धर्म में हरियाली तीज का व्रत सुहगिन महिलाओ के लिए बहुत महत्पूर्ण होता है और हर साल हरियाली तीज सावन महीना के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मान्य जाता है।

 

 

हरियाली तीज 2021 का शुभ मुहूर्त

 

हिन्दू पंचाँग के मुताबिक व्रत सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को यानि १० अगस्त की शाम 6 बजकर 11 मिंट से शुरू होगा और ये ११अगस्त की शाम को 4 बजकर 56 मिंट पर खत्म होगा इस दौरान सुहगिने अन और जल ग्रहण नहीं करती है।

 

यह नहीं जाने

 

हरियाली तीज रोज सुहगिने हरी रंग की चुडिया और हरे रंग की कपडे पहनने को प्रथमिकता देती है इस दौरान महिलाए मेहँदी लगवाती है हरियाली तीज के मोके पर खासतोर से नवविवहति युवती को ससुराल से मायके बिल्या जाता है इस दौरान सुहगिं के ससुराल से मिठाई के साथ-साथ कपडे और गहने आते है।

 

झूला भी झूलती है महिलाए

 

हरियाली तीज त्यौहार के मोके पर खासतोर से महिलाए झूला झूलती है इस दौरान सावन के गीत भी गए जाते  दौरान महिलाए समूह में रहती है लेकिन कोरोना वायरस सरकर्मण के चलते इस बार भी महिलाए पूर्व की तरह यह पर्व नहीं मनाए तो बेहतर है।

 

इसलिए मनाया जाता है पर्व

 

ऐसी मान्यता है की माता पर्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी पर्वती का कठोर तप देखकर भोलेनाथ पर्सन हो गए इसमें खास बात यह है की हरियाली तीज के दिन ही माता पर्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था पुजरियो के मुताबिक इस व्रत को करने से सुहगिन महिलाओ को अखंड सौभ्ग्य्वति होने का आशीर्वाद मिलता है।

 

जानिये-हरियाली पूजा की विधि

 

हरियाली तीज के रोज सुहगिन उठाकर सबसे पहले स्नान-ध्यान करती है इस दौरान सुबह-सुबह महिलाए अमूमन साफ और नए कपडे पहनकर पूजा का संकल्प लेती है पूजा स्थल के पास साफ-सफाई की जाती है और उसके बाद साफ मिट्टी से भगवान शिव और पर्वती की मूर्ति बनाई जाती है पूजा स्थल पर लाल कपडे के आसन पर बैठे पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजों को रखकर विधि के साथ भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करे पूजा के कर्म में तीज कथा और आरती की जाती है।