दीपावली 2020 की कथा, शुभी मुहरत, महत्व, पूजा विधि और महत्व।

    दीपावली 2020 की कथा, शुभी मुहरत, महत्व, पूजा विधि और महत्व।   दीपाली हिन्दुओं का सबसे महत्व पूर्ण त्यौहार है। दिवाली कार्तिक मॉस के कृष्णन पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दिवाली पुरे भारत में बड़े उल्लास और भाईचारे के साथ मनाया जाता है। दिवाली कुछ दिन पहले से ही लोग घर की साफ़ – सफाई में जुट जातें है। घर की पुताई भी कई लोग इसी समय करवाते हैं। दीपावली पर लोगों का उत्साह चरम पर होता है, लोग अपने रिश्तेदारों को मिठाइयां, उपहार आदि बांटते हैं और अपने दुश्मन के भी गले लगतें हैं। दीपावली भारत के इतिहास से जुड़ा हुआ है क्यूंकि इस दिन अयोध्या के महाराज श्री राम जी 14 वर्षो का वनवास काट के वापस लौट कर अयोध्या आये थें। जिससे खुश हो कर अयोध्या वासियों ने नगर में रौशनी करने के लिए घी के दिएं जलाए थें। और श्री राम के घर वापसी के इस दिन को दीपावली के नाम से जाना जाता है अर्थात दीपों का त्यौहार। दीपावली के दिन भगवन गणेश और लक्ष्मी जी के साथ – साथ कुबेर जी की भी पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वीं  पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।   दीपावली की पूजा विधि:- दीपावलीकेदिन शाम में स्नान कर के साफ़ कपडे पहने। इसकेबादएक चौकी को गंगा जल से साफ़ करके पवित्र कर दें और उस पर भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा धारण करें। प्रतिमाधारणकरने के बाद एक कलश भी स्थापित करें और उस पर स्वस्तिक बनाएं मौली से पांच गाठ बांधे। इसके बाद उस पर आम के पत्ते रखें। फिरभगवानगणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा के पांच मेवा, गुड़ फूल, मिठाई, घी, कमल का फूल, खील और बतासे आदि रखें और तेल या फाई घी के दिए जलाएं। इसकेबादआप अपने पैसे, धन, गहने, बहीखाते आदि भगवन गणेश और माता लक्ष्मी के आगे रखें। औरअबभगवन गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें और माता लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें। इसदिनश्री सुक्ता का पाठ करना बहुत शुभ माना गया है। तो यह पठ भी अवस्य करें। भगवनगणेशऔर माता लक्ष्मी की आरती उतारें। आखिरमेंभगवान गणेश और माता लक्ष्मी को मिठाई का भोग लगाएं। Read More

Essay on Baldivas in Hindi /14 नवंबर को “बाल दिवस”

Essay on Baldivas/ बाल दिवस पर निबंध   बाल दिवस पर निबंध भारत के पहले प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू जी के जन्म दिवस को 14 नवंबर को “बाल दिवस” के रूप में मनाया जाता Read More