Sankashti chaturthi 2021: अंगारकी संकष्टी चतुर्थी अज्ज जानिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि महत्व और चंद्रोदय का समय
फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी अज्ज यानी 2 मार्च (मंगलवार) को है यह दिन भगवान श्रीगणेश को समप्रित होता है मंगलवार के दिन पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है इस दिन भगवान गणेश कि विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है धर्मिक मान्यताओ के अनुसार संकस्टी चतुर्थी का व्रत रखने वाले भक्तो के बापा सभी कष्ट दूर करते है अंगारकी चतुर्थीका सीधा संबंध मंगल ग्रह से होता है /
चंद्रोदय का समय: 9:41 बजे
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि–
1 सबसे पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करे /
2 इस दिन लाल वस्त्र पहनकर पूजा करना शुभ माना जाता है /
3 पूजा करते समय मुख उतर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए /
4 साफ आसन चौकी पर भगवान श्रीगणेश को विरजित करे /
5 अब भगवान श्रीगणेश की धूप-दीप से पूजा-अर्चना करे /
6 पूजा के दौरान ॐ गणेशाय नम: या ॐ ग गणपते नम: मंत्रो का जाप करनाचाहिए /
7 पूजा के बाद श्रीगणेश को लाडू या तिल से बने मिठान का भोग लगाए /
8 शाम को व्रत कथा पढ़कर और चाँद को अध्र्य देखकर व्रत खोले /
9 व्रत पूरा करने के बाद दान करे /
संकष्टी चतुर्थी का महत्व–
धर्मिक मान्यताओं के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तो के सभी बाधाए दूर होती है शास्त्रों में भगवान श्रीगणेश को विध्नहर्ता भी कहा जाता है कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करना शुभ होता है चन्द्रमा को अध्र्य देने के बाद ही यह व्रत पूर्ण माना जाता है /
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त – चतुर्थी तिथि आरंभ:02 मार्च 2021 मंगलवार की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त:03 मार्च 2021 बुधवार की रात 02 बजकर 59 मिनट तक