Vartani and Vakya Rachna ki Ashudiya
वर्तनी एवं वाक्य रचना की अशुद्धियाँ
भाषा का शुद्ध-लेखन उसके शुद्ध उच्चारण पर निर्भर है। भाषा के शुद्ध उच्चारण पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। कई बार स्थानीय प्रभाव के कारण या व्याकरण का उचित ज्ञान न होने के कारन कई त्रुटियाँ हो जाती है। हिंदी भाषा के विद्यार्थी को उन त्रुटियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके शुद्ध प्रयोग के प्रति सावधान रहना चाहिए। हम यहाँ कुछ प्रचलित त्रुटियों की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कर रहे है।
अशुद्ध शुद्ध
अगामी आगामी
चहिए चाहिए
संसारिक सांसारिक
व्यावहार व्यव्हार
अहार आहार
नराज़ नाराज़
आधिन अधीन
दावात दवात
आलौकिक अलौकिक
बारात बरात
हस्ताक्षेप हस्तक्षेप
अत्याधीक अत्यधिक
आर्शिवाद आशीर्वाद
बिमारी बीमारी
श्रीमति श्रीमती
परिक्षा परीक्षा
पितांबर पीतांबर
निरोग नीरोग
बुद्धी बुद्धि
कवी कवि
क्योंकी क्योंकि
पूर्ती पूर्ति
हानी हानि
नदीयां नदियाँ
मधू मधु
साधू साधु
प्रभू प्रभु
अनुकुल अनुकूल
पशू पशु
गुरू गुरु
शुन्य शून्य
पुज्य पूज्य
पुर्व पूर्व
सूराख सुराख़
सुर्य सूर्य
सुप सूप
गँनेश गणेश
गुन गुण
रामायन रामायण
आक्रमन आक्रमण
रनभूमि रणभूमि
शरन शरण
प्रान प्राण
हिरन हिरण
तृन तृण
निरीक्षन निरीक्षण
परीक्षन परीक्षण
अन्ग अंग
हिन्सा हिंसा
घन्टा घंटा
सन्सार संसार
पन्क पंक
कन्ठ कंठ
सन्शय संशय
शन्ख शंख
मन्डल मंडल
सन्कट संकट
सन्देह संदेह
सन्चय संचय
अँगुली अंगुली
आंख आँख
ऊंचा ऊँचा
चंद चाँद
दांत दाँत
रँग रंग
पँख पंख
वहां वहाँ
पांचवां पाँचवाँ
रँक रंक
कहां कहाँ
पूर्ब पूर्व
बनस्पति वनस्पति
बिलास विलास
बर्षा वर्षा
बन वन
बाणी वाणी
बैदेही वैदेही
बिष विष
अभीष्ठ अभीष्ट
विशिष्ठ विशिष्ट
संतुष्ठ संतुष्ट
श्लिष्ठ श्लिष्ट
मिष्ठान्न मिष्टान्न
श्रेष्ट श्रेष्ठ
छुद्र क्षुद्र
छेत्र क्षेत्र
नछत्र नक्षत्र
छमा क्षमा
कच्छा कक्षा
रच्छा रक्षा
किरपा कृपा
क्रितज्ञ कृतज्ञ
ग्रहित गृहीत
ग्रहस्थ गृहस्थ
मात्रि मातृ
श्रंगार श्रृंगार
रिण ऋण
प्रथक पृथक
ह्रदय हृदय
आग्या आज्ञा
कृतग्य कृतज्ञ
ग्यापन ज्ञापन
ग्यान ज्ञान
प्रतिग्या प्रतिज्ञा
यग्य यज्ञ
योज्ञ योग्य
विग्यान विज्ञान
ग्यानी ज्ञानी
अरथ अर्थ
करम कर्म
परसाद प्रसाद
प्रमात्मा परमात्मा
कार्यकर्म कार्यक्रम
मरयादा मर्यादा
परसन्न प्रसन्न
धरम धर्म
पराकर्म पराक्रम
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- जितनी करनी वैसी भरनी 1. जैसी करनी वैसी भरनी
- अनेको व्यक्तियों ने प्रदर्शनी देखी। 2. अनेक व्यक्तियों ने प्रदर्शनी देखी।
- इतनी रात गई आप कहाँ थी। 3. इतनी रात गए आप कहाँ थी?
- वह गुस्सा से रो रहा था। 4. वह गुस्से में रो रही थी।
- मैंने आज जाना है। 5. मुझे आज जाना है।
- बच्चों से गुस्सा न करो। 6. बच्चों पर गुस्सा न करो।
- शरीर पर कई अंग होते है। 7. शरीर के कई अंग होते है।
- उन्ही को क्या चाहिए? 8. उन्हें क्या चाहिए?
- मेरे को प्रातःकाल टहलना अच्छा लगता हैं। 9.मुझे प्रातः टहलना अच्छा लगता हैं।
- मैं आपका दर्शन करने आया हु। 10. मैं आपके दर्शन करने आया हूँ।
- गगन ने संतोष का साँस लिया। 11. गगन ने संतोष की साँस ली।
- उसका प्राण सुख गया। 12. उसके प्राण सुख गए।
- मकान की बाई ओर विद्यालय है। 13. मकान के बाईं ओर विद्यालय है।
- कृपया करके ध्यान दें। 14. कृपया ध्यान दें।
- स्त्री-पुरुष का समूह देखते ही बनाते थे। 15. स्त्री पुरुषों का समूह देखते ही बनता था।
- एक फूलों की माला ले आइए। 16. फूलों की एक माला ले आइए।
- दहेज़ की लेन-देन बहुत बुरी प्रथा है। 17. दहेज़ की लेन-देन एक बहुत बुरी प्रथा है।
- मेरे का उस प्रश्न का उत्तर नहीं आता। 18. मुझे उस प्रश्न का उत्तर नहीं आता।
- तेरे को उसने क्या उत्तर दिया था। 19. तुझे उसने क्या उत्तर दिया था ?
- यह भोजन बीस आदमी लिए है। 20. यह भोजन बीस आदमी के लिए है।
- बिना कठोर परिश्रम किए तुम सफल 21. कठिन परिश्रम के बिना तुम सफल नहीं हो सकते।
नहीं हो सकते।
- एक गीतों की पुस्तक चाहिए। 22. गीतों की एक पुस्तक चाहिए।
- चमन को काटकर गाजर खिलाओ। 23. गाजर काटकर चमन को खिलाओ।
- उपन्यास यह किसने लिखा है? 24. यह उपन्यास किसने लिखा है?
- एक गिलास पानी से भरा लाओ। 25. पानी भरा एक गिलास लाओ।
- ‘निर्मला’ उपन्यास मुंशी प्रेमचंद ने लिखा। 26. मुंशी प्रेमचंद ने ‘निर्मला’ उपन्यास लिखा।
- यह घटना जब में बीस वर्ष का था, उस समय की है। 27. यह घटना उस समय की है, जब में बीस वर्ष का था
- में गरम गाय का दूध पीना चाहता हूँ। 28. में गाय का गरम दूध पीना चाहता हूँ।
- केवल कक्षा में दस बच्चे उपस्थित थे। 29. कक्षा में केवल दस बच्चे उपस्थित थे।
- महात्मा गाँधी का देश उपकार नहीं भूल सकता। 30. देश महात्मा गाँधी का उपकार नहीं भूल सकता।
- सड़क में पानी भरा है। 31. सड़क पर पानी भरा है।
- क्या आप भोजन किए हैं? 32. क्या अपने भोजन किया है?
- यहाँ पर अभी एक लड़का एक लड़की बैठी थी। 33. यहाँ पर अभी एक लड़का और एक लड़की बैठे थे?
- श्रद्धा, सविता और गगन सैर करने को गई। 34. श्रद्धा, सविता और गगन सैर करने गए।
- हम आपके घर कल आएगा। 35. हम आपके घर कल आएँगे।
- इस भवन के गिरने का संदेह है। 36. इस भवन के गिरने का भय है।
- शायद मेरा मित्र अवस्य आएगा। 37. मेरा मित्र अवश्य आएगा।
- रामचरितमानस को पढ़कर आनंद का आभास होता है। 38. रामचरितमानस को पढ़कर आनंद का अनुभव होता है।
- हम परस्पर आपस में लड़ते हैं। 39. हम परस्पर लड़ते है।
- उनका बहुत भरी सम्मान हुआ। 40. उनका बहुत सम्मान हुआ।
- मैं आदर सहित नमस्कार करता हूँ। 41. मैं सदर नमस्कार करता हूँ।
- वहाँ कोई लगभग एक दर्ज़न केले रहे होंगे। 42. वहाँ लगभग एक दर्ज़न केले रहे होंगे।
- इधर-उधर की व्यर्थ की बातें मत करो। 43. व्यर्थ इधर-उधर की बातें मत करो।
- अब पढ़ लिया जाए। 44. अब पढ़ा जाए।
- चोर को क्षमादान कर दिया गया। 45. चोर को क्षमा कर दिया गया।
- मैं पढ़ना-लिखना करने लगा हूँ। 46. मैं पढ़ने लिखने लगा हूँ।
- छात्रों से परीक्षा नहीं दी। 47. छात्रों से परीक्षा नहीं दी गई।
- सैनिको ने चौकी लूटी गई। 48. सैनिको द्वारा चौकी लूटी गई।
- माँ से खाना नहीं बन रहा। 49. माँ से खाना नहीं बन पा रहा।
- उसका तो प्राण पखेरू उड़ा दिए। 50. उसके तो प्राण पखेरू उड़ गए।
- उसके तो मुँह से फूल गिरते है। 51. उसके तो मुँह से फूल झड़ते हैं।
- पुलिस को देखते ही चोर के चेहरे पर हवाइयाँ दौड़ने लगीं। 52. पुलिस को देखते ही चोर के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगीं।
- पुलिस के आते ही चोर दुम उठाकर भाग गया। 53. पुलिस के आते ही चोर दुम दबाकर भाग गया।
- मंदिर की सीढियाँ चढ़ते-चढ़ते उसका दम घुट गया। 54. मंदिर की सीढियाँ चढ़ते-चढ़ते उसका दम फूल गया।
- वह चुपचाप दम साधे उठ खड़ा हुआ। 55. वह चुपचाप दम साधे खड़ा रहा।
- रोगी की दिशा ठीक नहीं है। 56. रोगी की दशा ठीक नहीं है।
- श्रीमती इंदिरा गाँधी एक विद्वान स्त्री थीं। 57. श्रीमती इंदिरा गाँधी एक विदुषी थीं।
- यह बुद्धिमान स्त्री है। 58. यह बुद्धिमती स्त्री है।
- गुणवान स्त्री सर्वत्र पूजी जाती है। 59. गुणवती स्त्री सर्वत्र पूजी जाती है।
- आदरणीय माताजी से निवेदन कीजिए। 60. आदरणीया माताजी से निवेदन कीजिए।
- एक महान व्यक्ति आई है। 61. एक महान व्यक्ति आए हैं।
- उसे कितना आम चाहिए। 62. उसे कितने आम चाहिए।
- वह अनेकों भाषाएँ जनता है। 63. वह अनेक भाषाएँ जनता है।
- यह आदमी क्या चाहते है? 64. ये आदमी क्या चाहते हैं?
- ये सब आपकी कृपाएँ है। 65. यह सब आपकी कृपा है।