जुग्गी झोपड़ी – एक लालच

 

 जुग्गी झोपड़ी एक लालच

 

हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी कर रेलवे लाइन के किनारे पर बसे अवैध 48000 से ज़्यादा जुग्गी – झोपड़ियों को तीन महीने में हटाने का आदेश दिया, जिसके बाद इस फैसले को कई सारी राजनीतिक पार्टियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राजनीतिक पार्टियों को इससे जुग्गी – झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों का वोट प्राप्त होगा और वह लोग अगले चुनाव तक इन राजनीतिक पार्टियों के वोट बैंक बन जाएंगे। आम आदमी को समझना होगा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन लोगों की भलाई और सुरक्षा के लिए – लिया गया फैसला और आदेश हैं।

अब जुग्गी – झोपड़ी के बात आई है तो आपको एक बात बताता हू, पॉवर हाउस, दिल्ली की एक जुग्गी की बात बताता हूं। पॉवर हाउस पर रह रहे लोगों को बवाना एरिया में सरकार द्धारा घर दिया गया, ताकि वह आम लोग अपने पक्के घर सुकून से रह सके परन्तु इसके बाद उन लोगों के लालच ने अपना रंग दिखना शुरू कर दिया। और बवाना एरिया में घर मिलने के बाद फिर से बवाना एरिया में ही एक और झुग्गी गाड़ ली और एक और सरकारी घर के लिए मांग करना शुरू कर दिया। जिससे यह पता चलता है कि इंसान की लालसा कभी ख़त्म नहीं होती है और वह इसके लिए अपना आत्मसम्मान भी बेच सता हैं। जिससे यह पता चलता है

कि देश के ज़्यादा तर जुग्गी झोपड़ी गरीबी नहीं लालच और राजनीति की साझ – गाठ के गठ जोड़ का नतीज़ा है जो हमारे देश की सुंदरता को को खराब करने में लगा हुआ हैं। आज देश में पक्के मकान कम और जुग्गी  झोपड़िया ज्यादा दिखती है जो इस देश की अस्वच्छता और बेकार स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण कारण है।

और यह सब यही नहीं रुकता बाद में यह अशिक्षित का भी कारण बन जाता है जो इस देश की विकास और साक्षरता को कम करता है। देश के कुछ राजनीतिक दलों ने इस झुग्गी झोपड़ियों को हटाने की कोशिश भी की है परंतु कमजोर इच्छाशक्ति के कारण और विपक्ष के हिंसक प्रदर्शन के कारण ना कर सकी है।

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आज हमारे देश में स्वच्छता, स्वास्थ और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण सुविधा को सही से लागू करने के लिए इन झुग्गी झोपड़ियों को हटाना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब तक यह हटेंगे नहीं ना ही देश में स्वच्छता आएगी और ना ही लोगों का स्वास्थ्य सही रहेगा और डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां दिन भर दिन चलती रहेगी और नई बीमारियों का भी उत्पन्न होता रहेगा, जो मानव समाज के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक और जानलेवा बन सकता है और अभी भी बना हुआ है परंतु इन सब से राजनीतिक दलों का कोई भी नुकसान नहीं है उन्हें तो बस अपना वोट चाहिए और अपनी सत्ता और वह इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं। पर अब समाज शिक्षित हो गया है और बहुत आगे बढ़ चुका है और अब यह सब गुंडागर्दी देश में नहीं चलेगा और देश खूबसूरत बनेगा। अन्यथा यह देश कितने भी कोशिश कर ले, रहेगा झोपड़पट्टी में ही और राजनेता बंगले में। आखरी फैसला आपके हाथ।