सावन का दूसरा सोमवार व्रत (2 अगस्त) का महत्व,पूजन विधि सावन सोमवार व्रत में क्या करें क्या न करें 

सावन का दूसरा सोमवार व्रत (2 अगस्त) का महत्व,पूजन विधि सावन सोमवार व्रत में क्या करें क्या न करें

सावन का दूसरा सोमवार 2 अगस्त को है। सावन का महीना भगवन भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। माना जाता है की भगवन भोलेनाथ इस महीने में माता पार्वती के साथ पथ्वी पर आते है। पुरे एक महा पथ्वी पर निवास करते है। जो भी सावन के महीने में व्रत करते है , या सावन से सोमवार को व्रत करते है, या भगवन भोले नाथ के नामो का जाप परते है , भोलेनाथ की पूजा करते है , विधि विधान से पूजा और जप है उनकी सभी मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है। क्युकी जो सभी देवी देवता है उनमे से सबसे जल्दी भोलेनाथ पर्सन होते है। भोलेनाथ की पूजा बहुत ही सरल बताई गई है। भोलेनाथ की पूजा के लिए कोई कठिन व्यवस्था नहीं करनी प्रति। इस में अगर आप केवल जाल और बेल पत्र कर देते है तब भी भगवन भोले नाथ खुश हो जाते है। और साथ ही आपकी सभी इछाओ को अवश्य ही पूरी क्र देंगे।

2 अगस्त 2021 को सावन का दूसर सोमवार है और इसमें विशेष बात यह है की इस दिन चन्द्रमा अपनी सबसे शुभ राशि में बानी रहेगी। क्योकि भोले बाबा चन्द्रमा को अपने जटाओ में आभूषण ने रूप में विराजित करते है। ऐसे में अगर चन्द्रमा अपने उच्च राशि में विराजित है तो आपको इस दिन किया गया व्रत , अनुष्ठान , हवन का सम्पूर्ण फाल प्राप्त होगा। सावन के दूसरे सोमवार का जो व्रत होता है उसे करने से हर मनोकामना पूरी होती है। अगर आपको कोई भी समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो आपको सावन के दूसरे सोमवार का व्रत जरूर करना चाहिए। व्रत करने का सबसे सटीक , और फलदाई लाभ अवश्य ही मिलेगा। और व्रत की सम्पूर्ण जानकारी हम आपको बताने जा रहे है। जिसे आपकी सभी मनोकामनाएं तो पूरी होगी ही साथ में भगवन भोलेनाथ भी आपसे प्रसन होंगे।

दूसरे सोमवार के दिन आपको जल्दी उठना चाइये। बह्रम मुहूर्त में उठ कर स्नान आदि करके साफ सावच कपड़े पहन लेना चाहिए। इस दिन आपको काले कपड़े नहीं पहना चाइये। इस के बाद अपने भगवन का पूजन अर्चन करे। जो आप पूजन पाठ करते है वो ही आपको करना है। साथ में सूर्ये भगवन को जल अर्पित करना चाइये। और मन ही मन आपको संकल्प ले की आज सावन के सोमवार है मैं आज व्रत रखने का संकलप लेता / लेती हूँ। और साथ में अपनी जो भी मनोकामना है वो भी बोल दे। साथ ही अपनी और अपने परिवार की रक्षा करने की प्राथना करे। इसी के साथ आप सावन के सोमवार के व्रत को प्रारम्भ कर दीजियेगा।

इस दिन भगवन भोलेनाथ के पूजा के लिए बेल पत्र का विशेष महत्व होता है। मगर सावन के सोमवार के दिन बेल पत्र को तोड़ना नहीं चाहिए। एक दिन पहले ही भेल पत्र को तोड़ना शुभ माना जाता है। और साथ में यह भी कहा गया है की आप पूजा में अर्पित बेल पत्र को धोकर फर से उन्ही का प्रयोग कर सकते है। बेल पत्र पुराने नहीं होते है। आग आपके पास बेल पत्र नहीं है तो आप बेल फल भी चढ़ा सकते है। हमेशा तीन पतियों वाला ही बेल पत्र चरण चाहिए , उन्हें ही शुभ मन अत है। आप भोले बाबा को भांग भी अर्पित कर सकते है। सुखी भाग गिगी भांग जैसा भी आप के पास उपलब्ध हो वैसे ही आप उनको अर्पित कर सकते है। साथ ही आपको पंचामृत की भी व्यवस्था कर लेना चाहिए। पंचामृत का अर्थ है – दूध, दही, शहद, शकर, और घी इन पांच चीजों से मिल कर त्यार होता है पंचामृत।

इस दिन आप किसी भी प्रकार से भगवन भोलेनाथ की पूजा कर सकते है। अगर आप घर पर शिवलिंग भी शिवलिंग की पूजा करना चाहते है तो आप कर सकते है। अगर आप पुरे विधि विधान से पूजा करना चाहते है तो आपको ॐ नमः शिवये का जाप करना चाइये। और इस मंत्र का जाप करते करते आप को भगवान को सरे पूजा सामग्री अर्पित करनी है। इस दिन आपको कोई भी गलत काम नहीं करना है। किसी भी पशु को नहीं मरना चाहिए , गन्दा व्यवहार नहीं करना चाहिए , झूठा नहीं खिलाना चाहिए। सब से साथ प्यार से साथ रहना चाइये।