महाशिवरात्रि 2021: बन रहे कई खास योग इन चार मुहूर्त में अभिषेक ार भोलेनाथ को करे प्रसन्न

महाशिवरात्रि 2021: बन रहे कई खास योग इन चार मुहूर्त में अभिषेक ार भोलेनाथ को करे प्रसन्न

1 हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है इस साल भोले बाबा का महापर्व महाशिवरात्रि 11 मार्च को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशीयुत्क चतुर्दर्शी तिथि को मनाई जाएगी ज्योतिषाचार्यो के अंसार इस दिन कई शुभ योग बन रहे है इस दिन विशेष रूप से शिवयोग और सिद्धि योग रहेगा नक्षत्र घनिष्ट रहेगा चन्द्रमा मकर राशि में विराजमान रहेगा भगवान शिव के महापर्व को लेकर शहर के शिव मंदिरो में तैयारियां शुरू हो गई है  ज्योतिषाचार्यो पंडित विष्णु प्रसाद भट ने कहा की महाशिवरत्रि के दिन भगवान शिव की पूआ अर्चना करने से व्यतिक की सभी मनोकामनाए पूरी होती है इस दिन शिवलिंग का पंचोपचार पूजन और रात्रि जागरण विशेष फलदायी होता है इस दिन भगवान शिव की आराधना कई गुना अधिक फल देती है मान्यता है की इस दिन व्रत और पूजा करने से युवतियां को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है बताया की महाशिवरत्रि के दिन भगवान शिव की चार पहर की विशेष पूजा का महत्व है निशीथ कल में पूजा 11 मार्च की रात 12 बजकर 15 मिनट से करीब एक बजे तक रहेगी पुराणों में  वर्णन है की भगवान शिव और माँ पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था भगवान शिव के विवाह में सिर्फ देव ही नही दानव किनर गंधर्व भूत पिशाच इस विवाह में शामिल हुए थे इसलिए इसमें चार पहर की पूजा अधिक फलदायी होती है।

2 महाशिवरत्रि पर शिवलिंग को गंगाजल दूध घी शहद और शक्कर के मिश्रण से स्नाना करवाया  चंदन लगाकर फल-फूल बेलपत्र धतूरा बेर इत्यादि अर्पित किए जाते है कहा जाता है की इस दिन ताम्बे के लोटे से भोलेनाथ का अभिषेक न करे।

3  देहरादून में प्राचीन टपक्षर महादेव मंदिर के महंत कृष्ण गिरी महाराज ने  कहा की महाशिवरात्रि के दिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तेयारिया की जा रही है मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है।

4 ज्योतिषाचार्य पंडित टीकाराम शास्त्री ने बताया की जीवन में होने वाले परिवर्तनों के करक बुध ग्रह महाशिवरात्रि को राशि परिवर्तन करेंगे बुध का मकर से कुंभ राशि में गोचर होगा 11 मार्च सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट से बुध ग्रह मार्गी होकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।

5 वही शिवरात्रि के बाद साल का दूसरा अबुज मुहूर्त 15 अबुजमुहूर्त किसी भी प्रकार के हानिकारक प्रभाव और दोषो से रहित  माना जाता  मुहूर्त में कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ और लाभकारी माना गया है  ज्योतिषाचार्य ने बताया की शुक्र अस्त चल रहा है और 20 अप्रैल को शुद्ध होगा उसके बाद ही विवाह लग्न शुरू होंगे 15 मार्च के बाद 21 अप्रैल को रामनवमी का अबूझ मुहूर्त रहेगा इस बिच मांगलिक कार्यो के लिए कोई भी मुहूर्त नही है।

6 महाशिवरात्रि की पूजा का मुहूर्त

प्रथम रात्रि पहर 11 मार्च शाम 6:30 बजे से रात 9:30 तक

रात्रि दितीय पहर 11 मार्च रात 9:30 से 12:30  बजे तक

रात्रि 12:30 बजे से 3:40 मिनट तक

शिवरात्रि पारण समय 12 मार्च सुबह 6:30  बजे से शाम 3 बजे तक