Mokshada Ekadashi 2021: मोक्ष की प्राप्ति के लिए मोक्षदा एकादशी पर किया जाता है इस व्रत कथा का पाठ

Mokshada Ekadashi 2021: मोक्ष की प्राप्ति के लिए मोक्षदा एकादशी पर किया जाता है इस व्रत कथा का पाठ

Mokshada Ekadashi: एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है. पूजा मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा विधिपूर्वक करते हैं और मोक्षदा एकादशी व्रत (Mokshada Ekadashi Vrat) कथा का पाठ करते हैं
Mokshada Ekadashi December 2021: कहते हैं कि मोक्षदा एकादशी का व्रत (Mokshada Ekadashi Vrat 2021) रखने से पितरों को भी बैकुंठ की प्राप्ति होती है. इस बार मोक्षदा एकादशी 14 दिसंबर के दिन पड़ रही है. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने और व्रत आदि करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है. इसके साथ ही उस व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी (Ekadashi) के दिन व्रत (Mokshada Ekadashi Vrat) के समय कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, इससे भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है, इसके साथ ही सभी पापों से छुटकारा मिलता है. शास्त्रों में इस एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी माना गया है. मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान दिया था.

मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा (MOkshada Ekadashi Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, गोकुल में वैखानस नाम के राजा रहा करते थे. उन्होंने एक रात सपने में देखा कि उनके पिता मृत्यु के बाद नरक की यातनाएं झेल रहे हैं. पिता की सपने में ऐसी हालत देख उन्हें बेहद पीड़ा हुई, जिसके बाद अगली सुबह उन्होंने राज पुरोहित को बुलवाया व पिता की मुक्ति का मार्ग उनसे पूछा. इस पर राज पुरोहित ने बताया कि इस समस्या का एक ही निवारण है पर्वत नाम के महात्मा वही इसका हल निकाल सकते हैं, क्योंकि वो त्रिकालदर्शी हैं, जिसके बाद राजा पर्वत महात्मा के आश्रम पहुंचे व पिता की मुक्ति का मार्ग पूछा. राजा के पूछने पर महात्मा पर्वत ने बताया कि उनके पिता ने अपने पिछले जन्म में एक पाप किया था, जिस की वजह से वे नर्क की यातनाएं भोग रहे हैं

राजा ने इस पर महात्मा पर्वत से पाप से मुक्ति के बारें में जानना चाहा, तो महात्मा बताया कि मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी का विधि पूर्वक व्रत व पूजन करें. इस एकादशी का व्रत रखने से ही आपके पिता को मुक्ति मिल सकती है. महात्मा की बात सुनकर राजा ने मोक्षदा एकादशी का व्रत व पूजन किया. इस व्रत और पूजन के पुण्य प्रभाव से राजा के पिता को मुक्ति मिली व मुक्त आत्मा ने राजा को आशीर्वाद दिया