Wakay
वाक्य
वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है। वर्णो के समूह से शब्द बनते हैं तथा शब्दों के सार्थक समूह से वाक्य बनाते हैं। वाक्य के सभी पद मिलकर पूरा अर्थ प्रकट करते हैं शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त होते हैं तब उन्हें ‘पद’ कहा जाता है। अतः हम कह सकते है कि :
सार्थक पदों का ऐसा समूह,जो पूर्ण अर्थ तथा भाव को स्पष्ट करे, वाक्य कहलाता है; जैसे –
- हम सब भारत के नागरिक है।
- विद्यार्थियों को कठोर परिश्रम करना चाहिए।
- बच्चे घूमने जायेंगे।
- माता-पिता बच्चो के लिए उपहार लाए थे।
- सुबह की सैर स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है।
वाक्य के दो खंड होते है :
- उद्देश्य (Subject)
- विधेय (Predicate)
- उद्देश्य : वाक्य में जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे सूचित करने वाले शब्द को उद्देश्य कहते है।
- विधेय : कर्ता के विषय में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते है
उदाहरण :
क. परिश्रमी बालक पढ़ रहे है।
ख. हमारे विद्यालय में खेल के मैदान है।
ग. मेरी माताजी अच्छा खाना बनती है।
घ. शिकारी के बाण से घायल पक्षी मर गया।
उपरिलिखित वाक्यों में उद्देश्य तथा विधेय इस प्रकार हैं –
उद्देश्य विधेय
क. परिश्रमी बालक पढ़ रहें है।
ख. खेल के मैदान हमारे विद्यालय में है।
ग. मेरी माताजी अच्छा खाना बनती हैं।
घ. शिकारी के बाण से घायल पक्षी मर गया।
वाक्य के भेद के दो प्रकार है :
क. अर्थ
ख. रचना
क. अर्थ की दृष्ति से वाक्य के भेद : अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ प्रकार होते है :
- विधानवाचक वाक्य
- निषेधवाचक या नकारात्मक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
- संदेहवाचक वाक्य
- इच्छावाचकल वाक्य
- आज्ञावाचक वाक्य
- विस्मयदिवाचक वाक्य
- विधानवाचक : जिन वाक्यों में किसी वस्तु स्थित का बोध हो, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते है ; जैसे –
- सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है।
- विद्यार्थियों ने कला-प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
- रमेश प्रतिदिन विद्यालय जाता है।
- प्रधानमंत्री ने सूखाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया।
- विषेधवाचक : जिन वाक्यों में क्रिया के न होने का पता चले, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते है ; जैसे –
- आज सूर्य नहीं निकला।
- विद्यार्थियों ने कला-प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया।
- रमेश प्रतिदिन विद्यालय नहीं जाता है।
- प्रधानमंत्री ने सूखाग्रस्त क्षेत्र का दौरा नहीं किया।
- संकेतवाचक वाक्य : जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर रहता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते है ; जैसे –
- अगर तुम आते तो में अवश्य यह काम कर देता।
- अगर परिश्रम करते तो तुम्हे सफलता अवश्य मिलती।
- यदि वर्षा होती तो फसल अच्छी हो जाती।
- यदि आप कह जाते तो में अवश्य आता।
- संदेहवाचक वाक्य : जिन वाक्यों में संदेह या संभावना का पता चले, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते है ; जैसे –
- शायद आज वर्षा हो।
- उसे यह बात याद होगी या नहीं।
- अब तक उसने काम कर लिया होगा।
- संभवत: वे आ जाएँ।
- इच्छावाचक वाक्य : जिन वाक्य में वक्ता की इच्छा, आशा, आशीर्वाद, शुभकामना, आदि का पता चले, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं ; जैसे –
- ईश्वर सबका भला करे।
- आपकी यात्रा मंगलमय हो।
- भगवन तुम्हे दीर्घायु करे।
- नववर्ष कल्याणकारी हो।
- आज्ञावाचक वाक्य : जिन वाक्यों में आज्ञा या अनुमति का पता चले, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते है ; जैसे –
- कमरे से बाहर चले जाओ।
- घर के अंदर आओ।
- अपने कमरे में बैठकर पढ़ो।
- खाना खा कर पढ़ो।
- विस्मयादिवाचक वाक्य : जिन वाक्यों में हर्ष, शोक, घृणा, आश्चर्य आदि भावों का पता चले, उन्हें विस्मयादिवाचक वाक्य कहते हैं ; जैसे –
- अरे ! यह क्या हो गया।
- हाय ! वह बेचारा लूट गया।
- अहा ! कितना सुंदर दृश्य है।
- छिः ! छिः ! इतनी दुर्गध।
ख. रचना की दृष्टि से वाक्य के भेद : रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते है :
- सरल वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्रित वाक्य
- सरल वाक्य : जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है, उसे सरल वाक्य कहते है ; जैसे –
(i) मैंने खाना खा लिया है।
(ii) मोहन की माताजी इलाज के लिए दिल्ली आ रही हैं।
(iii) अध्यापिका ने बच्चो को कहानी सुनकर लिखने के लिए कहा।
(iv) मेरे दादा-दादी जी मुझे बहुत प्यार करते है।
- मिश्रित वाक्य : जब दो या दो से अधिक सरल उपवाक्य किसी योजना से जुड़े हो, तो उपवाक्यों से बने वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते हैं ; जैसे –
(i) आज में बीमार था इसलिए विद्यालय नहीं गया।
(ii) में उसके घर गया लेकिन वह नहीं मिला।
(iii) रमेश सुबह उठता है और सैर को जाता है।
(iv) आप चाय पिएँगे या कॉफी लेंगे?
ग. मिश्रित वाक्य : जिस वाक्य में एक से अधिक उपवाक्य हो, परंतु उनमे से एक उपवाक्य प्रधान तथा अन्य उपवाक्य गौण हों तो उसे मिश्रित वाक्य कहते है ; जैसे –
(i) उस लड़के को बुला लाओ, जो सबसे लम्बा हो।
(ii) हर अध्यापक चाहता है की उसके शिष्य अच्छे बने।
(iii) जब भी में उसके घर गया, वह सोता हुआ मिला।
(iv) जहाँ – जहाँ अग्नि है, वहाँ-वहाँ धुआँ हैं।
विशेष : सरल, सं युक्त और मिश्रित वाक्य की पहचान करने के लिए आप ध्यान रखिए की :
- सरल वाक्य : इसमें एक ही कर्ता और एक ही क्रिया होती है। यदि वाक्य में दो क्रियाएँ हों तो उनमे एक क्रिया पूर्वकालिक क्रिया अवश्य होगी।
- संयुक्त वाक्य : इसमें दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य योजना शब्दों के साथ जोड़े जाते है। यह योजक शब्द हैं : और, तथा, परंतु, लेकिन, क्युकी, इसलिए, अपितु, अथवा, या, किंतु आदि। योजक शब्द हटाने पर वाक्य स्वतंत्र बन जाता है।
- मिश्रित वाक्य : इसमें एक उपवाक्य प्रधान होता है और दूसरा आश्रित उपवाक्य होता है। ये ‘की’, ‘जो’, ‘जिसने’, ‘तब’ ‘वहाँ’ आदि से जुड़े होते हैं। इन्हे हटाने से वाक्य अधूरे लगते हैं
ऊपर लिखित विशेष बातों को ध्यान में रखने से वाक्य परिवर्तन करने में आसानी होगी। आइए, अब कुछ उदाहरण देखते हैं :
साधारण वाक्य संयुक्त वाक्य
- मोहन खाना खा कर सो जाता है। 1. मोहन खाना खता है और सो जाता है।
- उसके समझने पर सब मान गए। 2. उसने समझाया और सब लोग मान गए।
- नानाजी की बीमारी के कारण मुझे दिल्ली जाना ही पड़ेगा। 3. नानाजी बीमार है इसलिए मुझे दिल्ली जाना ही पड़ेगा।
- मैंने मैदान में जाकर हॉकी खेला। 4. मैं मैदान में गया और हॉकी खेली।
- डॉक्टर के पहुँचते ही रोगी ने दम तोड़ दि 5. डॉक्टर पहुँचा और रोगी ने दम तोड़ दिया।
साधारण वाक्य से मिश्रित वाक्य बनाना
साधारण वाक्य मिश्रित वाक्य
- वह फल खरीदने के लिए बाजार गया। 1. वह बाजार गया, जहा से उसने फल ख़रीदे।
- स्वावलंबी व्यक्ति सदा सफल होते 2. जो व्यक्ति स्वावलंबी होता है, वे सदा सफल होते हैं।
- सड़क पार कर रहा बूढ़ा व्यक्ति बस से टकराकर मर गया। 3. बूढ़ा व्यक्ति जो सड़क पार कर रहा था, बस से टकराकर मर गया।
- तुम बस रुकने के स्थान पर चले जाओ। 4. तुम वहाँ चले जाओ जहाँ बस रूकती है।