yashoda jayanti 2021: यशोद जयंती आज जाने माताओ के लिए क्यों खास माना गया है यह व्रत नोट क्र ले पूजा विधि व शुभ मुहूर्त

yashoda jayanti 2021: यशोद जयंती आज जाने माताओ के लिए क्यों खास माना गया है यह व्रत नोट क्र ले पूजा विधि शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचाँग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की प्रस्टी तिथि को यशोदा जयंती मानते है इस साल यशोद जयंती अज्ज यानी 4 मार्च 2021 (गुरूवार) को है माना जाता है की अज्ज के दिन हे भगवान कृष्ण की पहलनहार माँ यशोदा का जन्म हुए था इस दिन भक्त ंहगवां श्रीकृष्ण और माता यशोदा की विधि-विधान से पूजा करते है मान्यता है की इस दिन उपवास रखने से संतान प्रप्ति की कामना रखने वालो को लाभ होता है।

यसोदा जयंती महत्व

यसोदा जयंती पे मताए उपवास रख संतान के सुख के लिए मंगलकामनाए करती है मान्यता है की इस दिन संतान सुख से वंचित लोग अगर माता यसोदा का व्रत रखकर विधिपूर्वक पूजा करते है उन्हे भी संतान सुख प्राप्त हो जाता है कहा जाता है की माता यसोदा नाम हे यश और हर्ष देने वाला है जिसके चलते इस व्रत को रखने वालो की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है और उनके जीवन की कठिनाइयों कमी आ जाती है

 

यशोदा जयंती पूजन विधि

प्राप्त काल स्नान आदि कर माँ यशोदा का ध्यान करते हुए भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति सामने रखकर दीपक जलाए  माँ यशोदा जी के नाम की लाल चुनरी पूजा स्थल पर कलश पर रखे माँ को मिस्ठान और भगवान कृष्णको मक्खन का भोग लगाए गायत्री मन्त्र के जाप के साथ भगवान विष्णु की आरती करे अंत में मन हे

अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए प्राथना करे।

यशोदा जयंती की पौराणिक कथा

मान्यता के अनुसार पूर्व जन्म में माता यशोदा जी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वर दिया था की उन्हें मृतत्व सुख अपने अपने आप ही से प्राप्त होगा गीता के अनुसार समय के साथ ऐसा हे हुआ भगवान श्री कृष्ण देवकी एव वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में प्रकट हुए लकिन पिता वासुदेव उन्हें कंस के भय से नंद बाबा एव यशोदा मैया के घर छोड़ आए माता को मिले वरदान के अनुसार माँ यशोदा ने ही कृष्ण को मृतत्व का सुख प्रदान किया।

तिथि समाप्तरात 9 बजकर 58 मिनट पर यशोद जयंती पूजन विधि

तिथि प्रारंभ-4 मार्च रात 12 बजकर 21 मिनट से