साइबर क्राइम के लिए क़ानूनी दंड
भारतीय दंड सहित (IPC) के तहत प्रावधान:-
- ईमेल के माध्यम ऐसे मेल जिससे मानहानि का दावा किया जा सके, आईपीसी की धारा 499 लगती है।
- ईमेल के माध्यम से धमकी भरे मेल भेजना, आईपीसी की धारा 503 लगती है।
- ईमेल का द्रुप्योग करना, आईपीसी की धारा 500 लगाती है।
- किसी व्यक्ति के ईमेल की जासूसी करना, आईपीसी की धारा 463 लगता है।
- वेब जैकिंग, आईपीसी की धारा 383 लगती है।
- फ़र्ज़ी इलेक्ट्रॉनिक्स रिकॉर्डर का इस्तेमाल करना, आईपीसी की धारा 463 लगती है।
- साइबर फ्रॉड और फ़र्ज़ी वेबसाइट के लिए, आईपीसी धारा 420 है।
- हथियारों की ऑनलाइन बिक्री के लिए, आर्म्स एक्ट।
- दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री, एनडीपीएस एक्ट।
सुचना एवं तकनीकी कानून के तहत सजा:-
- किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस से निजी डाटा चोरी करना और उसका दरुपयोग करना, धारा 66 – बी।
- निजता और आपसी विश्वाश को भंग करके डाटा सार्वजनिक करना, धारा 72 – A.
- डुप्लीकेट (फ़र्ज़ी) हस्ताक्षर को सार्वजनिक करना, धारा
- आपत्तिजनक सुचना को सार्वजनिक करना, धारा
- डाटा को गलत तरह से सार्वजनिक करना, धारा
- इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म पर अश्लील और भद्र चीजों को प्रसारित और प्रकाशित करना, धारा 67 – A.
- इलेक्ट्रिक प्लेटफार्म पर बच्चों को अश्लील अवस्था में दिखाया गया हो, धारा 67- बी।
- निजी डिवाइस को छेड़छाड़ या बदलाव करने की कोशिश करना, धारा
- किसी की पहचान चुराना, धारा – 66 A.
- साइबर आतंकवाद के लिए, धारा 66 – F.
और ज़्यादा जानकारी के लिए साइबर सेल की ऑफिसियल वेबसाइट पर प्रवेश करें।
इंटरनेट फ्रॉड और डाटा सुरक्षित रखने के बारे में पूरी जानकारी यहाँ पढ़े – https://sunstarup.com/internet-fraud-in-hindi/
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