हरिद्वार महाकुम्भ वर्ष 2021
वर्ष 2021 में शिवरात्री के दिन से हरिद्वार महाकुम्भ का आरंभ हो रहा है। यानी इस हरिद्वार महाकुम्भ 11 मार्च, 2021 से शुरू होगा। महाकुम्भ के दौरान सनातन धर्म में आस्था रखने वाले करोड़ों लोग एक साथ इस महापर्व का आनंद उठाते है। महाकुम्भ में एक साथ हज़ारों लोग गंगा में डुबकी लगाते है। मान्यतानुसार गंगा में डुबकी लगानी से मनुष्य के पाप धूल जाते है और मनुष्य पवित्र हो जाता है।
- क्यों लग रहा है 1 वर्ष पहले महाकुम्भ?:-
आखरी बार हरिद्वार महाकुम्भ 2010 में हुआ था। यह महाकुम्भ हर 12 वर्षों में एक बार होता है और अब हरिद्वार महाकुम्भ 2022 में होना था। परन्तु यह महाकुम्भ ज्योतिष गणना के आधार पर होता है और यह कुम्भ सूर्य देव और देवगुरु बृहस्पति के आधार पर होता है। और यह दोनों की गणना के आधार पर इस साल का महाकुम्भ रखा गया है, जो अगले साल होना था।
- हरिद्वार महाकुम्भ वर्ष 2021 शाही स्नान तिथि:-
- पेहला शाही स्नान – 11 मार्च, 2021 शिवरात्रि के दिन।
- दूसरा शाही स्नान – 12 अप्रैल, 2021 सोमवती अमावस्या के दिन।
- तीसरा शाही स्नान – 14 अप्रैल, 2021 मेष संक्राति के दिन।
- चौथा शाही स्नान – 27 अप्रैल, 2021 बैसाख पूर्णिमा के दिन।
- महाकुम्भ का महत्व:-
महाकुम्भ का सनातन धर्म में बहुत ख़ास और सर्वोच्च महत्व है। धार्मिक मान्यतानुसार कुम्भ में स्नान करने से इंसान के पाप धुल जातें है और मनुष्य पवित्र हो जाता है। कुम्भ में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है।
- मां गंगा ने यह दिया था वचन:-
मां गंगा के वचनानुसार कोई भी व्यक्ति अपने शुद्ध मन, अपने पापों को मानते हुए और पश्चाताप भरे हृदय से किसी भी जलाशय के सामने मुझे स्मरण करते हुए स्नान करेगा वह उस जल मे में स्वयं आ जाउंगी।
इस संबंध में एक श्लोक:-
नन्दिनी नलिनी सीता मालती च महापगा।
विष्णुपादाब्जसम्भूता गंगा त्रिपथगामिनी।।
भागीरथी भोगवती जाह्नवी त्रिदशेश्वरी।
द्वादशैतानि नामानि यत्र यत्र जलाशय।
स्नानोद्यत: स्मरेन्नित्यं तत्र तत्र वसाम्यहम्।।