Maha lakshmi Vrat 2021: महालक्ष्मी व्रत आज से हो रहे शुरू। जाने शुभ – मुहूर्त महत्व और व्रत कथा

Maha lakshmi Vrat 2021: महालक्ष्मी व्रत आज से हो रहे शुरू।  जाने शुभ – मुहूर्त महत्व और व्रत कथा

 

हिंदू धर्म में हर एक व्रत और त्योहार का  बहुत विशेष महत्व है। इन व्रत और त्योहारों में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा  कि जाती  है। ऐसे ही त्योहारों में से एक 16 दिनों तक मनाया जाने वाला महालक्ष्मी व्रत भी भाद्रपद की अष्टमी तिथि से शुरू  होता है। इस व्रत में मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को सम्पन  होता  हैं।

महालक्ष्मी व्रत 2021 कब है | Mahalaxmi Vrat 2021 Date And Time | Mahalakshmi Vrat 2021 | महालक्ष्मी - YouTube

ऐसी मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत करने से जीवन की सभी  समस्याएं दूर होती हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से मन की मनोकामनाये   पूरी होती हैं। हिंदू धर्म में इस व्रत को बहुत अधिक  शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। 16वें दिन महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन करते हैं।

महालक्ष्मी व्रत का महत्व-

महालक्ष्मी व्रत का विधि-विधान से पूजन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जिस घर में महिलाएं इस व्रत को करती हैं, उस घर में पारिवारिक शांति बनी रहती हैं।

महालक्ष्मी  के व्रत कथा-

एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह हर दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की भक्ति  अराधना करता था। एक दिन उसकी भक्ति से खुश   होकर भगवान विष्णु ने उसे दर्शन दिए और ब्राह्मण से एक वरदान मांगने के लिए कहा। तब ब्राह्मण ने उसके घर मां लक्ष्मी का निवास होने की इच्छा जताई की। तब भगवान विष्णु ने ब्राह्मण को लक्ष्मी प्राप्ति का रास्ता  बताया। भगवान विष्णु ने कहा कि मंदिर के सामने एक  महिला (स्त्री) आती है और वह यहां आकर उपले थापती है। तुम उसे अपने घर आने का आमंत्रण देना वह मां लक्ष्मी हैं।भगवान विष्णु ने ब्राह्मण से कहा, जब मां लक्ष्मी स्वयं तुम्हारे घर पधारेंगी तो घर में धन का भण्डार  भर जाएगा। यह कहकर भगवान विष्णु अंतर्ध्यान हो गए। अगले दिन ब्राह्मण सुबह-सुबह ही मंदिर के पास बैठ गया लक्ष्मी माँ उपले थापने  के लिए आई तो ब्राह्मण ने उनसे घर आने के लिये विनती  (निवेदन )कि ब्राह्मण की बात सुनकर लक्ष्मी  माता समझ गई  थी कि यह विष्णुजी के कहने पर ही ये ब्राह्मण यहाँ पहले से ही आया  हुआ है।

लक्ष्मी  माता जी ने ब्राह्मण से कहा की में तुम्हारे साथ चलूंगी लेकिन तुम्हे पहले महालक्ष्मी व्रत करना होगा 16 दिन तक व्रत करने और 16 वे दिन चन्द्रमा को अधर्य देने से तुम्हारी मनोकामना पूरी हो जाएगी ब्रह्मण ने माँ लक्ष्मी के कहे अनुसार व्रत किया और माँ लक्ष्मी को उतर दिशा की और मुख करके पुकारा इसके बाद माँ लक्ष्मी ने अपना वचन पूरा किया। ऐसा मान्यता है की तभी से महालक्ष्मी व्रत करने की परम्परा शुरू हुई थी।

महालक्ष्मी व्रत के चौघड़िया मुहूर्त –

दिन का चौघड़िया मुहूर्त – 6:05 AM
रात्रि का चौघड़िया मुहूर्त -6: 29 PM

अमृत काल- 6:05 ए एम से 7:38 AM

महालक्ष्मी व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त-

महालक्ष्मी व्रत सोमवार सितम्बर 13, 2021 को
महालक्ष्मी व्रत शुरू  सोमवार 13, 2021 को
महालक्ष्मी व्रत पूर्ण मंगलवार सितम्बर 28, 2021 को
अष्टमी तिथि शुरू -सितंबर 13, 2021 को
3:10 pm बजे
अष्टमी तिथि समाप्त-सितम्बर 14, 2021 को 1:9 pm बजे

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